चीन में हर साल डॉग मीट फेस्टिवल का आयोजन होता है। इस फेस्टिवल में अलग-अलग तरह के कुत्तों के मांस की बिक्री होती है और चीन में इसे बड़े ही चाव से खाया भी जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के भी कुछ राज्यों में कुत्ते के मीट को भी बहुत पसंद किया जाता है। यहां दूसरे राज्यों से लोग कुत्ते बेचने पहुंचते हैं और मोटी कमाई भी करते हैं। हाल ही में लॉकडाउन के दौरान सरकार ने इस राज्य में कुत्तों के मांस की बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन शनिवार को न्यायालय ने सरकार के फैसले पर ही रोक लगा दी।

कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर लगाई रोक
हम बात कर रहे हैं भारत के उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड कि जहां कुत्ते के मीट पर बवाल मचा हुआ है।
यहां के लोगों में कुत्ते का मीट काफी पसंद किया जाता है लेकिन इस साल जुलाई में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कुत्तों के मांस पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि कुछ महीने बाद अब गुवाहाटी हाई कोर्ट की कोहिमा बेंच ने सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य में एक बार फिर से मांस का व्यावसायिक आयात, व्यापार, कुत्ते की बिक्री और कुत्ते के मांस की बिक्री फिर से शुरू हो जाएगी।
राज्य सरकार ने मीट पर लगा दिया था प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने इस मामले में नागालैंड सरकार को 14 नवंबर तक हलफनामा दायर करने का अवसर दिया था, लेकिन प्रशासन द्वारा अदालत में हलफनामा दायर नहीं किया जा सका। राज्य सरकार द्वारा कुत्तों के मांस की बिक्री पर रोक लगाए जाने के बाद कई स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इसका विरोध भी किया था। बता दें कि यह सारा विवाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर के बाद शुरू हुआ था।
नागालैंड में एक समुदाय खाता है कुत्तों का मीट
दरअसल, साल के शुरुआत में सोशल मीडिया पर कई अपाहिज कुत्तों की तस्वीर काफी वायरल हुई थी जिन्हें एक बैग में बांधा गया था। फोटो को लेकर देशभर में काफी हंगामा हुआ जिसके बाद नागालैंड सरकार ने कुत्ते के मांस के व्यवसायिक आयात, व्यापार और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। गौरतलब है कि राज्य में एक समुदाय है जो कुत्ते के मांस को काफी पसंद करते हैं। इस मामले में चार साल पहले 2016 में पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने नागालैंड सरकार को एक लीगल नोटिस भेजा था।
नागालैंड को संविधान में प्राप्त है विशेष छूट
आपको बता दें कि नागालैंड के अलावा मिजोरम सरकार ने भी कुत्ते के मीट की बिक्री, आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाया है। जानकारी के लिए बता दें कि संविधान में नागालैंड राज्य को कुछ विशेष अधिकार मिले हुए हैं जिसके तहत राज्य के लोगों के प्रचलित पारंपरिक प्रथाओं को संसद के किसी भी अधिनियम से बचाने के लिए विशेष दर्जा मिलता है। नागालैंड को संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) के तहत ये विशेष छूट प्राप्त है।