खतरा: आम ग्राहकों के साथ ही रिजर्व भी नहीं ले रहा छोटे नोट, सिक्के
सत्य पथिक वेब पोर्टल, लखनऊ: राजधानी लखनऊ के सैकड़ों बैंकों और तीन दर्जन से अधिक चेस्ट करंसियों में 10, 20 रुपये के नोटों और सिक्कों के अंबार लगे हैं। 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के इन ऩोटों और सिक्कों के हर रोज ऊंचे होते जखीरे से बैंकों के कर्मचारी और अफसर परेशान हैं। गंभीर चिंता का सबब तो यह है कि आम ग्राहकों के साथ ही आरबीआई द्वारा भी इन नोटों और सिक्कों को नहीं ले रहा है। लिहाजा बैंकों में इन्हें रखने तक की जगह अब नहीं बची है।

छोटे नोटों को न ग्राहक ले रहे, न रिजर्व बैंक

क्लीन करेंसी के तहत आरबीआई 10, 20, 50 और सौ के नए नोट ला चुकी है। पुराने नोट भी बाजार और बैंकों के पास हैं। वी बैंकर्स एसोसिएशन के महामंत्री आशीष मिश्रा ने बताया कि ग्राहक छोटे नोट लेने से मना कर देते हैं। आरबीआई भी छोटे नोटों को लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इसका असर बैंकों में पड़ रहा है।


नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाइज के सचिव राजेंद्र अवस्थी ने बताया कि आरबीआई की ओर से इस दिशा में कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। बैंकों के पास छोटे नोटों को रखने की जगह नहीं बची है। नोट सुरक्षित भी रखने हैं, ऐसे में अलमारी और संदूकों में इन्हें रखा जा रहा है। बैंकर्स एसोसिएशन के महामंत्री ने बताया कि एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने बताया था कि वो चेस्ट करेंसी के माध्यम से किसी भी प्रकार के सिक्कों को वापस नहीं लेता है। इससे और परेशानी बढ़ी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही स्थिति
बैंक के जानकारों ने बताया कि छोटे नोट न लेने की समस्या शहर स्थित बैंकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी है। वहां पर भी ग्राहक 10 और 20 के नोट लेने से परहेज कर रहे हैं।

ऐसे तो चौपट हो जाएंगे लाखों छोटे दुकानदार

समस्या यह है कि सब्जी-फल ठेले वालों और रेहड़ी-पटरी, खोमचों वाले लाखों छोटे दुकानदारों की ज्यादातर बिक्री की रकम छोटे सिक्कों, नोटों की शक्ल में ही होती है। अब बैंक ही इन छोटे नोटों-सिक्कों को नहीं ले रहे तो छोटे दुकानदारों का तो धंधा ही चौपट हो जाएगा। बैंक यूनियन, नेताओ, व्यापारियों और छोटे दुकानदारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र. मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल हस्तक्षेप कर समस्या का वाजिब हल निकलवाने की पुरजोर गुहार लगाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!