मीरगंज-बरेली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वर्षों से अवैध रूप से संचालित मीरगंज के दो और शाही के एक अल्ट्रासाउंड सेंटर को सीज कर दिया है। कार्रवाई से अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों और गैरलाइसेंसी मेडिकल स्टोर मालिकों, झोलाछाप डॉक्टरों में जबर्दस्त हड़कंप मच गया और धड़ाधड़ दुकानों के शटर गिराकर भाग गए।
स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले सुबह लगभग 10 बजे शाही कस्बे में चल रहे नेशनल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर पहुंची। टीम का नेतृत्व सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. जेपी मौर्या कर रहे थे। टीम में खिरका सीएचसी प्रभारी डॉ. संचित शर्मा और अन्य विभागीय कर्मी भी शामिल थे। टीम को देखकर अल्ट्रासाउंड सेंटर पर तैनात कर्मचारी चुपचाप खिसक गए। कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाने पर अल्ट्रासाउंड सेंटर को अवैध मानते हुए सीज कर दिया गया। इस दौरान छापे के डर से वगैर लाइसेंस चल रहे मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों के शटर भी धड़ाधड़ गिरने लगे। देखते ही देखते सब दुकानें बंद कर उड़नछू हो गए।
शाही के बाद टीम मीरगंज सिंधौली चौराहे पर पहुंची। यहां वर्षों से संचालित साईं डायग्नोस्टिक सेंटर और ओमलाइफ डायग्नोस्टिक सेंटर पर भी इन दोनों के संचालक कोई दस्तावेज नहीं पाए। लिहाजा इन दोनों को भी अवैध मानते हुए सीज कर दिया गया। इस दौरान दोनों सेंटरों के चिकित्सीय स्टाफ और मरीजों, तीमारदारों में भारी हड़कंप मचा रहा। ज्यादातर मरीज, तीमारदार भाग गए।
बता दें कि ओमलाइफ समेत अवैध रूप से संचालित ज्यादातर अल्ट्रासाउंड सेंटरों में गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ भ्रूण की जांच से लेकर भर्ती और डिलीवरी तक के गैरकानूनी धंधे स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से बेखटके चल रहे हैं। मरीजों की गंभीर बीमारियों के दावे से इलाज के नाम पर उनको अनाप-शनाप लूटा जा रहा है। अब तो ओमलाइफ की शाखाएं भी धनेटा, फतेहगंज पश्चिमी में बेखटके चल रही है।
एसीएमओ डॉ. मौर्या ने बताया कि अवैध ढंग से संचालित इन अल्ट्रासाउंड सेंटरों के बारे में काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं। शाही में तो दो दिन पहले दबिश भी दी थी लेकिन सेंटर बंद होने की वजह से कार्रवाई नहीं की जा सकी। शिकायतों की पुष्टि होने के बाद ही कार्रवाई की गई है। जिले में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों, मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों को हरगिज नहीं चलने दिया जाएगा।