लेकिन बागियों ने फिर धोखा दिया तो भी सरकार बना पाएंगे फड़णवीस?
सत्य पथिक वेबपोर्टल/मुम्बई/Maharashtra Crisis: सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और मतदान होना तय है। उद्धव ठाकरे सरकार के बचने के सारे रास्ते अब तकरीबन बंद ही हो चुके हैं लेकिन फिर भी एक सवाल फिर भी ज्यादातर लोगों के दिलो-दिमाग में खटक रहा है कि अगर बागी विधायकों ने भाजपा के नए संभावित मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को ऐन वक्त पर धोखा दे दिया तो भी क्या नई सरकार गठित हो पाएगी?

सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने आज बुधवार को उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर कल गुरुवार को प्रस्तावित फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। मंगलवार देर रात फड़णवीस की चिट्ठी पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को महाराष्ट्र की MVA सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का निमंत्रण दिया है। इसके बाद से ही सभी पार्टियों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी को बागियों ने फिर दिया धोखा तो…?
गुवाहाटी में बैठे शिवसेना के 39 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं, लेकिन मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खेमे के दूसरे नेता लगातार दावे ठोंक रहे हैं कि उनमें से कई विधायक वापस आना चाहते हैं लेकिन उन्हें जबरन रोककर रखा गया है। फ्लोर टेस्ट की घोषणा होते ही विधायकों को गुवाहाटी से गोवा लाया गया है जहां से उन्हें फ्लोर टेस्ट के ठीक पहले मुंबई लाया जाएगा। लेकिन, सवाल ये है कि क्या फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे गुट के सभी विधायक बीजेपी के साथ खड़े होंगे या कुछ विधायक मुंबई आकर पलट जाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो क्या करेंगे फडणवीस?
बागियों की मदद के बगैर भी बन सकती है भाजपा सरकार
कई जानकारों का कहना है कि बिना बागियों के भी महाराष्ट्र में फड़णवीस की सरकार बन सकती है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको महाराष्ट्र की राजनीति के इस नंबर गेम को समझना होगा। वैसे तो महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, लेकिन शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद विधायकों की संख्या 287 रह गई है। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों का समर्थन चाहिए।
वहीं, महाविकास आघाडी (MVA) सरकार को NCP के 53, कांग्रेस के 44 और शिवसेना के 55 और कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन कुछ दिन पहले तक प्राप्त था।
जादुई आंकड़ा 123, भाजपा के पाले में 129 एमएलए
इधर, भाजपा के अपने 106 विधायक हैं। इसके अलावा उसे सात निर्दलीय व कुछ अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों को अयोग्य ठहरा भी दिया जाए तो भी बीजेपी बहुमत के आंकड़े को आराम से हासिल कर सकती है। MVA सरकार में शामिल 2 विधायक गंभीर बीमार हैं।
ऐसे में अगर शिंदे गुट के 39 विधायक फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं भी हुए तो भी बीजेपी बहुमत के लिए जरूरी 121 विधायकों के आंकड़े को आसानी से जुटा लेगी क्योंकि उसे 16 अन्य निर्दलीयों और कुछ छोटी पार्टियां के विधायकों को मिलाकर कुल 129 विधायकों का समर्थन पहले से ही हासिल है। यानी कि मौजूदा परिस्थितियों में देवेंद्र फड़णवीस एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल सकते हैं।
फ्लोर टेस्ट में भाग ले सकेंगे नवाब मलिक, अनिल देशमुख
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेताओं नवाब मलिक और अनिल देशमुख को कल महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दे दी है।