प्रधानमंत्री के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा का बयान, बोले-रद्द हों तीनों कानून
नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार शाम बयान जारी कर कहा है कि किसान संगठनों ने सभी दरवाजे खुले रखे हैं। सरकार बातचीत के लिए बुलाती है तो जरूर जाएंगे।
सरकार की चौखट पर आए हैं, वार्ता को बुलाएं
संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य दर्शनपाल ने कहा, हम तो सरकार की चौखट पर आए हैं। सरकार जब बुलाएगी, चले जाएंगे। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना और एमएसपी की गारंटी हमारी प्रमुख मांग है।
धरना स्थल पर आकर न्योता देने पर अड़े टिकैत
यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार धरना स्थल पर आकर वार्ता के लिए न्योता दे।
राजेवाल बोले- पीछे नहीं हटेंगे किसान संगठन
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने चंडीगढ़ में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि किसान संगठन पहले भी पीछे नहीं हटे थे, अब भी नहीं हटेंगे। हमने सरकार से कहा है कि तीनों कानून रद्द हों, इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है। अगर सरकार कोई और प्रस्ताव देती है तो उस पर भी गौर किया जाएगा।
टिकैत ने संभाला आंदोलन, सम्मानित करेंगे
राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी की हिंसा से घटना किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा था लेकिन गाजीपुर में जिस तरह से राकेश टिकैत ने संभाला उससे किसान फिर से आंदोलन की तरफ बढ़ गए हैं। किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। टिकैत को संयुक्त किसान मोर्चा सम्मानित भी करेगा।
सरकार राज हठ छोड़े
राजेवाल ने कहा कि किसान समझ चुके हैं कि जब आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था तो सरकार पर ज्यादा दबाव था। किसान फिर शांति के रास्ते पर चल पड़े हैं। अब सरकार को भी अपना राज हठ छोड़ देना चाहिए।
भाजपाई कर रहे पत्थरबाजी
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की नसीहत पर राजेवाल ने कहा कि हमारी कोर कमेटी इस पर चर्चा करेगी। हम सभी की राय का सम्मान करते हैं। सिंघु बार्डर पर स्थानीय लोगों की ओर से पत्थरबाजी करने पर टिप्पणी करते हुए राजेवाल ने कहा कि यह स्थानीय लोग नहीं हैं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता हैं जो लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।