जींद(हरियाणा)/दिल्ली/farmers movement-suicide/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के लिए रविवार की सुबह बहुत ही निराश करने वाली रही। सुबह तड़के एक किसान फांसी के फंदे पर लटका मिला। वहीं दूसरे किसान को दिल का दौरा पड़ गया।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बहादुरगढ़-दिल्ली टीकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे एक किसान ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि किसान ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें केंद्र सरकार के खराब रवैये से परेशान होने की बात लिखी गयी है। मृतक की पहचान हरियाणा के जींद जिले के सिंघवाल गांव निवासी 52 वर्षीय कर्मवीर सिंगवाल के रूप में की गयी है । कर्मवीर शनिवार रात में ही वह अपने गांव से टीकरी बॉर्डर पर धरने में पहुंचा था।
पुलिस के मुताबिक, कर्मवीर ने शनिवार-रविवार रात में किसी वक्त बहादुरगढ़ के बाईपास स्थित नए बस स्टैंड के पास एक पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी। रविवार सुबह किसानों को उसका शव पेड़ से लटका मिला तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने किसानों की मौजूदगी में शव को फंदे से उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। परिजनों को भी सूचना दी गई है।

कांग्रेस ने जारी किया किसान का सुसाइड नोट
किसान के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किसान के उस सुसाइड नोट को जारी किया गया है, जिसमें किसान ने अपनी मौत का जिम्मेदार मोदी सरकार को बताया है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से कहा है कि “जींद के एक किसान ने आज टिकरी बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली और ये चिट्ठी छोड़ गए। चिठ्ठी में लिखा है, “मोदी सरकार तारीख पर तारीख देती जा रही है। पता नहीं कब ये काले कानून वापिस होंगे।” लानत है ऐसी सरकार पर जो किसानों की जान ले रही है। लानत है उस मीडिया पर जो सच पर पर्दा डाल रही है।”
दूसरे किसान का दिल का दौरा पड़ने से निधन
टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान सुखमिंदर सिंह (उम्र 60 साल) की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। सुखमिंदर गांव दूरकोट जिला मोगा के रहने वाले थे। किसान नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार की हठधर्मी के चलते ही सुखमिंदर को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई है।
70 दिन पुराने आंदोलन में कई किसान गंवा चुके हैंं जान
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान 70 दिन से भी ज्यादा समय से दिल्ली की तीन सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अभी तक कई किसानों की जान जा चुकी है।