आखिरकार यूपी एसटीएफ और राज्य के कई जिलों में बतौर एसएसपी तैनात रहे आईपीएस अधिकारी अनंत देव तिवारी को उत्तर प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। अनंत देव तिवारी और बिकरू कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के बीच तारतम्य को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच की थी।

जिसमें एसआईटी ने 18 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी भी शामिल हैं। अनंत देव तिवारी और विकास दुबे के बीच ताल्लुकात उजागर हुए हैं। इस बात का खुलासा बिकरू कांड में मारे गए पुलिस क्षेत्राधिकारी ने भी किया था। दूसरी ओर बिकरू कांड के वक्त कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी को भी नोटिस दिया गया है।

एसआईटी की रिपोर्ट के बाद अनंत देव तिवारी सस्पेंड किए गए हैं। बीते 15 सालों से बिकरु इलाके में तैनात रहे सीओ, एडिशनल एसपी समेत आधा दर्जन सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर पर भी कार्यवाही होगी। एसआईटी का मानना है कि इन तमाम पुलिस अधिकारियों के संरक्षण के कारण ही विकास दुबे इतना बड़ा अपराधी बना था।

आईपीएस अफसर अनंत देव तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। विकरू कांड के वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी को शासन ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। दिनेश कुमार को 2 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना है। उनके जवाब का अवलोकन करने के बाद शासन फैसला लेगा।

आपको बता दें कि बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी ने विकास दुबे और स्थानीय थाने के इंस्पेक्टर की मिलीभगत बताते हुए अनंत देव तिवारी को एक पत्र लिखा था। जिस पर अनंत देव तिवारी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अनंत देव तिवारी को लिखी गई डीएसपी के चिट्ठी हत्याकांड के बाद सार्वजनिक हो गई थी। दूसरी ओर विकास दुबे के फाइनेंसर के साथ अनंत देव तिवारी के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। मुख्यमंत्री के आदेश पर गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इन सारे बिंदुओं पर गहराई से जांच पड़ताल की। जिसमें अनंत देव तिवारी की भूमिका को संदिग्ध माना गया है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अनंत देव तिवारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने और विभागीय जांच की सिफारिश की है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अनंत देव तिवारी को निलंबित कर दिया है।

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