मृत्योपरांत शरीर दान का भी संकल्प ले चुके हैं, बेटे ईशु ने भी 11वीं बार किया रक्तदान
मीरगंज-बरेली/मिसाल/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: रक्तदान की वजह से खूनदानी लालाजी के नाम से मशहूर मीरगंज के व्यापारी नेता और सर्राफ रामनरायन गुप्ता अपने जीवनकाल में रक्तदान का शतक लगाने का शुभ संकल्प ले चुके हैं। उन्हीं की प्रेरणा से अब उनके बेटे ईशु गुप्ता भी इस नेक काम में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने लगे हैं। शनिवार को ईशु ने स्वेच्छा से रक्तदान कर एक महिला को नवजीवन दिया है।
खून की चंद बूंदें देकर किसी की जान बच जाने से बेहतर क्या?
पूछने पर ‘खून वाले लालाजी’ के नाम से मशहूर रामनरायन और उनके बेटे ईशु ने बताया कि अगर हमारे शरीर के खून की चंद बूंदें देकर किसी की जिंदगी बच जाए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। रामनरायन ने तो अभी पिछले महीने ही 53वीं बार रक्तदान कर प्लेटलेट्स खतरनाक हद तक गिर जाने से खून की कमी के चलते जिंदगी-मौत के बीच झूल रही सभासद जाहिद हुसैन शेरी की बीवी महताब जहाँ को जहां नई जिंदगी दी,वहीं नफरतों के मौजूदा गलाकाटू दौर में खुशनुमा गंगा-जमुनी तहजीब की नायाब मिसाल भी कायम की है। जाहिद हुसैन का पूरा परिवार तभी से व्यापारी नेता रामनरायन का शुक्रगुजार है। खुद रामनरायन 53 बार से भी ज्यादा रक्तदान कर चुके हैं तो पिता के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए बेटे ईशु ने भी शनिवार को गंगाशील ब्लड बैंक बरेली में 11वीं बार स्वेच्छा से रक्तदान कर परिवार की ही एक महिला पलक गुप्ता की जान बचाई है। डायलिसिस होने के बाद महिला के शरीर में खून की भारी कमी हो गई थी। वक्त पर खून नहीं मिलता तो जान जाने का खतरा भी बेचारी पलक के सिर पर मंडरा रहा था।
पत्नी 5, भाई 11-11 बार कर चुके हैं रक्तदान
सिर्फ इतना ही नहीं, रामनरायन की नि:स्वार्थ मानवसेवा से प्रेरित होकर उनकी पत्नी गीता गुप्ता पांच बार और भाई विपिन, बॉबी गुप्ता 11-11बार रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदान-महादान को जीवनसूत्र बना चुके रामनरायन का इरादा तो जीवनकाल में ही रक्तदान का शतक लगाने का है। और तो और, रामनरायन जीवन के बाद नेत्र समेत पूरा शरीर भी दान करने का शुभ संकल्प ले चुके हैं।