चमोली से हरिद्वार तक बढ़ा खतरा, 2 सुरंगों में फंसे हैं 60 लोग, दर्जनों सुरक्षित निकाले गए

देहरादून/चमोली(उत्तराखंड), सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: चमोली जिले के रैणी गांव में रविवार को ग्लेशियर फटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। 10 लोगों की मौत की खबर है। अब तक आठ लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और 170 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से पुराने वीडियो शेयर न करने और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने मदद के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी किया है।

प्रकृति ने ही परियोजनाओं को रद्द कर दिया है-जलपुरुष

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने अपनी ने कहा कि पिछले साल प्रो. जीडी अग्रवाल ने लंबे समय तक आमरण अनशन कर प्राण त्यागे थे। उनकी मांग थी कि गंगा, भागीरथी, मंदाकिनी और अलकनंदा पर सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित बांधों पर तत्काल रोक लगा दी जाए लेकिन सरकारों ने उनकी मांगों को नहीं माना। अब प्रकृति ने ही इन परियोजनाओं को रद्द कर दिया है।



2 पुलिस कर्मियों सहित 27 लोग लापता

डीजीपी अशोक कुमार ने जोशीमठ में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि रैणी में 2 पुलिस कर्मियों सहित 27 लोग लापता हैं जबकि तपोवन परियोजना में काम कर रहे 150 में से 7 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्र से कितने लोग लापता हैं, इसका डाटा अभी उपलब्ध नहीं है। तपोवन परियोजना की 900 मीटर लंबी टनल में मलबा घुसा है। उसे खोलने का काम चल रहा है। 150 मीटर तक टनल खोल भी दी गई है। हालांकि जल स्तर बढ़ने के कारण टनल

(सुरंग) में बचाव कार्य रोकना पड़ा है। वहीं, चमोली जिला प्रशासन ने आठ शव मिलने की पुष्टि की है।

प्रधानमंत्री ने चार बार किया फोन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आपदा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी काफी चिंतित हैं। उन्होंने चार बार फोन पर ताजा स्थिति की जानकारी ली है।
 
टनल नंबर-1 में फंसे हैं 30 लोग

आईटीबीपी के जनसंपर्क अधिकारी विवेक पांडे ने बताया कि अब हम दूसरी सुरंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो कि सुरंग नंबर एक है। यहां 30 लोग फंसे हुए हैं। उम्मीद है कि हम उन्हें जल्द ही बाहर निकाल लेंगे।

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