नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क:.दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर  हुई हिंसा को लेकर अब पुलिस एक्शन में है। पूरे दिन चले हुड़दंग में सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया, साथ ही 300 से ज्यादा पुलिस जवानों पर कातिलाना हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। इस मामले में अब तक करीब दो दर्जन एफआईआर दर्ज  की गई हैं और 200 से ज्यादा आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें राकेश टिकैत, डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह, मेधा पाटेकर के नाम भी शामिल हैं।



इसके अलावा दिल्ली पुलिस की सबसे अधिक नजर लाल किले पर झंडा फहराने की घटना पर है। दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के लिए दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना पर प्राथमिकी दर्ज की है। एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल की कई टीमें लाल किले पर झंडा फहराने वाले की तलाश में हैं। लालकिला पर धार्मिक झंडा लगाने वाले युवक की पहचान तरनतारन के गांव तारा सिंह के जुगराज सिंह (22) के रूप में हुई है।

मैंने मुंह खोला तो कई किसान नेता होंगे बेनकाब: दीप सिद्धू

अभिनेता से कार्यकर्ता बना दीप सिद्धू गणतंत्र दिवस पर गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल रहने पर किसान संगठनों की आलोचना का केंद्र बन गया है। इसी बीच दीप सिद्धू फेसबुक पर लाइव हुआ और किसान नेताओं को धमकी दी। सारे आरोपों पर अब दीप सिद्धू ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर सफाई दी है।

सिद्धू वीडियो में कह रहा है कि अगर किसान मेरे कहने पर ही दिल्ली में तोड़़फोड़ कर रहे थे तो केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठकें करने वाले किसान नेता क्या रहे थे?आपको बता दें कि लालकिले से सिद्धू का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद किसान नेताओं ने दीप सिद्धू से पल्ला झाड़ लिया था।

किसान नेताओं ने दीप सिद्धू से तोड़ा नाता

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान कुलवंत सिंह पन्नू, महासचिव सरवण सिंह पंधेर के साथ अभिनेता दीप सिद्धू को उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त मोर्चा के नेता व भाकियू (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल के अनुसार संयुक्त मोर्चा ने इन सभी से अपना नाता तोड़ लिया है।

किसान नेताओं की चुप्पी पर भी उठ रहे सवाल

इन सबके बीच किसान नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब वे जानते थे कि दीप सिद्धू लोगों, खासकर युवाओं को भड़का रहा था तो उसे रोककर बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया गया? जब कहा जा रहा था कि कुछ खालिस्तान समर्थक और नक्सली आंदोलन में घुसपैठ कर चुके हैं तो मोर्चा के नेता चुप क्यों रहे?

Twitter भी सख्त, भड़काऊ पोस्ट्स पर 300 संदिग्ध अकाउंट suspend

गणतंत्र दिवस पर किसान आंदोलनकारियों द्वारा दिल्ली में हिंसा फैलाने और भड़काऊ पोस्ट डालकर लोगों को बरगलाने के मामले में Twitter भी एक्शन में है। उसने सख्ती दिखाते हुए भड़काऊ कंटेंट वाले 300 से ज्यादा अकाउंट suspend कर दिए हैं। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में इंटरनेट सेवा बंद किए जाने से पहले उपद्रवियों द्वारा twitter समेत सभी social media platforms के दुरुपयोग की खबरें आई थीं।

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