नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। दिल्ली में दिन भर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल काटा, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़कर 313 हो गई है। पुलिस ने अब तक इस मामले में 22 एफआईआर दर्ज की हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी।

किस इलाके में कितने पुलिस कर्मी हुए घायल?

नॉर्थ 121,
आउटर 78
ईस्ट 34
द्वारका 32
वेस्ट 27
आउटर नॉर्ट 12
शाहदरा 5
साउथ 4

टिकैत बोले-एक कौम को बदनाम करने की साज़िश

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ”जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले 2 महीने से चल रही है। कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में लिप्त पाया जाएगा, उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।”

मृतक किसान पर भी मामला दर्ज

आईटीओ में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में आईपी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें अज्ञात प्रदर्शनकारियों के साथ ही उस किसान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जिसकी ट्रैक्टर की चपेट में आने के बाद मौत हो गई थी।


गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए भारी उपद्रव की घटना को देखते हुए लाल किले पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

गृह मंत्रालय का एक्शन और इंटरनेट सेवा बैन

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में बवाल के बाद गृह मंत्रालय हरकत में आया और उसने सबसे पहले स्थिति का जायजा लिया और दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद करवाया। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, संचार सेवा कंपनियों को भेजे गए एक सरकारी आदेश में गणतंत्र दिवस के दिन सिंघू, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक और नांगलोई तथा उनसे लगे दिल्ली के इलाकों में दोपहर 12 बजे से रात 11 बज कर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर स्थगित करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, अब भी कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बैन है।


बचने को 20 फुट गहरी खाई में कूदे दर्जनों पुलिस कर्मी, हाथ-पैर टूटे

ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा में  25 वाहनों में तोड़फोड़ की गई। बवालियों ने 88 बैरिकेड्स तोड़े। चार क्रेन, डीटीसी की आठ बस और 17 निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। लाल किला हिंसा मामले में भी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। उपद्रवियों ने दिल्ली पुलिस के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। फिर जबरन लाल किला के अंदर घुस गये और प्रवेश द्वार पर लगे स्कैनर और मेटल डिटेक्टर आदि को तोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने सामने आने वाली सभी वस्तुओं को नष्ट कर दिया। आलम यह था कि किसानों से बचने के लिए पुलिसकर्मी किले की दीवार से सटी बीस फीट गहरी खाई में कूद गए। इसकी वजह से कई पुलिसकर्मियों के हाथ पैर टूटे हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों ने की वादाखिलाफी

किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने पहले से ही रूट निर्धारित किए थे। किसान संगठनों ने भी पुलिस की इन शर्तों को मंजूर किया था, मगर गणतंत्र दिवस की सुबह से ही ट्रैक्टर परेड की तस्वीर बदलती गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने रूट को फॉलो नहीं किया और जगह-जगह बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ते गए। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जहां-जहां डीटीसी की बसें थीं, ट्रैक्टरों से धकियाते हुए प्रदर्शनकारियों ने उनमें भी जमकर तोड़फोड़ की और खूब बवाल काटा।

अंग्रेजी शराब की पेटियों से भरी ट्रैक्टर ट्राली मीडिया की सुर्खियों में
महंगी अंग्रेजी शराब की पेटियों से भरी प्रदर्शनकारियों की एक ट्रैक्टर ट्राली इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुर्खियों में है।

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