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बाढ़ में बह गए बहुत से घर, तमाम लोग फंसे, रेस्कयू जारी, यूपी के गंगा किनारे के 17 शहरों में भी हाई अलर्ट

चमोली जिले में ग्लेशियर और बादल फटने के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि आठ के शव बरामद किए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। Uttarkhand CM त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंच गए हैं। उन्होंने यहां घटनास्थल का मुआयना किया और पूरी जानकारी ली। वहीं, पानी कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है।


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ऋषिगंगा परियोजना स्थल की टनल में 15-16 लोग फंसे हुए थे, जिनका रेस्क्यू कर लिया गया है। 

– तपोवन के हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में कुछ लोगों के फंसे होने की खबर है। उनका रेस्क्यू किया जा रहा है।

– बीआरओ शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर आशू सिंह राठौड़ ने बताया कि घटनास्थल पर उनकी टीम मौजूद है और रेस्क्यू के काम में जुटी हुई है। 


ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बेहद गंभीर हैंं और आपदा प्रबंधन विभाग और चमोली के जिलाधिकारी के लगातार संपर्क में रहकर बचाव-राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने को निर्देशित कर रहे हैं। लोगों की सुरक्षा का खास ख्याल रखने की सभी संबंधित अधिकारियों को खास हिदायत भी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर आपदा की घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा होने की बात कहकर फंसे लोगों का हौसला बढ़ाया है।

चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर दिया गया है।
लोगों से नदियों से दूरी बनाकर रखने को भी कहा गया है। ग्लेशियर टूटने के बाद सभी संबंधित जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है। चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे गंगा नदी के किनारे न जाएं।


ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान, धौलीगंगा में बाढ़

खबरों के मुताबिक, ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित इलाकों में SDRF की कई टीमें पहुंच चुकी हैं। राहत-बचाव कार्य शुरू हो गया है। ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई है। बांध टूटने से नदियों के किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है। ITBP के 200 से ज्यादा जवानों को राहत-बचाव कार्य में लगा दिया गया है।

प्रशासन अलर्ट, राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर

उत्तराखंड के गृह मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। देहरादून से एनडीआरएफ की 3 टीमों को भेजा गया है। इनके अलावा 3 अन्य टीमें हेलिकॉप्टर से शाम तक पहुंच जाएंगी। एसडीआरएफ की टीमों के साथ स्थानीय प्रशासन के अफसर पहले से ही मौके पर मौजूद हैं।

यूपी में भी हाई अलर्ट, सीएम ले रहे पल-पल की खबर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के संबंधित विभागों, अफसरों को हाई अलर्ट पर रखा है। अधिकारियों को परिस्थितियों पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। उत्तराखंड में आई तबाही को देखते हुए उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे बसे 17 शहरों में भी SDRF को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड को हरसंभव मदद पहुंचाने के भी निर्देश दिए हैं।

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