वाशिंगटन, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क:
खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने सुदूर अंतरिक्ष में तीन ग्रहों का पता लगा लगाया है, जो पृथ्वी से बड़े हैं और सूर्य जैसे तारे (टीओआई 451 या जी-टाइप स्टार)

का चक्कर लगाते हैं। इन तीनों ग्रहों को टीओआई 451 सिस्टम कहते हैं। टीओआई 451 सिस्टम हाल ही खोजे गए मीन-एरिडेनस स्ट्रीम में स्थित है। यह हमारे सौर मंडल की आयु के तीन फीसद से कम सितारों का एक समूह है और अंतरिक्ष के एक तिहाई हिस्से में फैला हुआ है।

नासा के टीईएसएस की तस्वीरों से मिली जानकारी

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सेटेलाइट (टीईएसएस) द्वारा 2018 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच खींची गई एक तस्वीर की मदद से खगोलविदों ने ग्रहों की यह प्रणाली खोजी है।

जर्नल एस्ट्रोनॉमिकल में प्रकाशित शोधपत्र में उम्मीद जताई गई है कि इससे शोधकर्ताओं को विकसित होते ग्रहों के समूह के अध्ययन का मौका मिलेगा।

खुलेंगी ग्रहों के सिस्टम की नई परतें


अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्थित डार्टमाउथ कॉलेज के शोधकर्ताओं ने कहा, ‘इस शोध से ग्रहों के सिस्टम और हमारे खुद के सौरमंडल के विकास की भी जानकारी मिल सकती है।’

तारा सूर्य जैसा और पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर

डार्टमाउथ में भौतिकी और खगोलविज्ञान की एसिस्टेंट प्रोफेसर एलिजाबेथ न्यूटन ने कहा, ‘इस सिस्टम का तारा हमारे सूर्य के ही जैसा है, लेकिन काफी युवा है। इसके अध्ययन से हम ग्रहों के निर्माण और विकास की theory को समझ सकते हैं। यह सिस्टम केवल 12 करोड़ वर्ष पुराना है और पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर है।’

तीनों ग्रह पृथ्वी से दो से चार गुना बड़े हैं

न्यूटन ने बताया कि तीनों ग्रह पृथ्वी से दो से चार गुना बड़े हैं। इसलिए शोधकर्ताओं को ग्रहों के विकास के सिद्धांतों का परीक्षण करने के लिए मुफीद साबित हो सकते हैं। शोधकर्ताओं के लिए यह किसी खजाने से कम नहीं है।


2 से 16 दिन में लगा लेते हैं अपने तारे का चक्कर


इस शोध में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के एसिस्टेंट प्रोफेसर एंड्रयू मान ने कहा, ‘इस तरह के युवा ग्रहों की खोज के लिए टीईएसएस के आंकड़े बेमिसाल हैं। उन्होंने कहा कि वे भाग्यशाली हैं कि वे ऐसे समय में काम कर रहे हैं, जहां ऐसे सफल एक्सोप्लैनेट मिशन के आंकड़ों तक पहुंच मिल पा रही है। ये ग्रह अपने तारे का चक्कर दो से 16 दिन में लगा लेते हैं।

क्या है टीओआई 451?

टीओआई 451 को सीडी-3 1467 के नाम से भी जाना जाता है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 95 फीसद है, लेकिन 12 फीसद छोटा और ठंडा है। सूर्य के मुकाबले यह 35 फीसद कम ऊष्मा का उत्सर्जन करता है। सूर्य के मुकाबले पांच गुना तेजी से घूमता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!