तीव्रता कम होने से नुकसान नहीं लेकिन संवेदनशील जोन-4 में खतरा बरकरार
नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: पश्चिमी दिल्ली के कई इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह 9.17 बजे भूकंप के झटके लगे। National Center for Seismology (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई। हालांकि, कम तीव्रता का भूकंप होने की वजह से ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं चला।
गौरतलब है कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटे ज्यादातर इलाके इन्टेंसिटी जोन-4 में आते हैं। ऐसे में अगर यहां पर तेज गति का भूकंप आया तो बड़ी जानमाल की हानि का खतरा है। भू-वैज्ञानिकों का भी कहना है कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली के साथ ही यूपी-हरियाणा से सटे कई जिले भी बेहद संवेदनशील हैं। खासकर गुरुग्राम और फरीदाबाद। दिल्ली आसपास के
जोन-4 इलाके में 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। ऐसा हुआ तो जानमाल का भारी नुकसान तय है।
बता दें कि पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 20 से अधिक भूकंप आए थे। कुछ भूवैज्ञानिकों का कहना था कि यह किसी बड़े भूकंप का संकेत है, तो कई की राय में ऐसे भूकंप आते रहते हैं। वरिष्ठ भू वैज्ञानिक डॉ. जेएल गौतम का कहना है कि दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा के निकट पांच फॉल्ट लाइन या फिर रिज (धरती के अंदर उभरा हुआ क्षेत्र) है। ऐसे में जब दो प्लेटों के जोड़ में कोई हलचल होती है तो रिज क्षेत्र में अंतर बढ़ता है। इससे भूकंप आने के आसार बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि फॉल्ट लाइन लिक्विड पर तैरती रहती हैं। फॉल्ट लाइन में दरारें भी होती हैं। जब भी प्लेट टकराती हैं तो लिक्विड पर तैरने वाली फॉल्ट लाइन में कुछ हलचल होती है। कुछ महीने बाद यह हलचल शांत हो जाती है। इससे भी भूकंप के झटके लगते हैं।