कुछ संगठन टस से मस होने को तैयार नहीं तो कई टकराव का रास्ता छोड़ बातचीत के हिमायती
नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: तीनों कृषि कानूनों को रद कराने की जिद पर अड़े किसान संगठनों का बेमियादी धरना-प्रदर्शन बृहस्पतिवार को 78वें दिन में पहुंच गया है। इस बीच किसान संगठनों और उनके नेताओं में टकराव भी बढ़ गया है। कई संगठन सरकार से टकराव का रास्ता छोड़कर बातचीत के हिमायती हैं तो कुछ अभी भी तीनों कानून रद्द कराने पर अड़े हैं।
दिल्ली-एनसीआर के शाहजहांपुर, सिंधु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले करीब ढाई माह से चल रहे आंदोलन में कुछ संगठन तीनों कृषि बिलों की वापसी तक टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। इसके विपरीत कई संगठन सरकार से टकराव मोल लेने के बजाय बातचीत के समर्थक हैं। बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं की सिंघु बार्डर पर चार घंटे चली बैठक में भी मतभेद स्पष्ट दिखे।
संयुक्त किसान मोर्चा की सात सदस्यीय समन्वय समिति के सदस्य डा. दर्शनपाल की ओर से मीडिया में जो सूचनाएं जारी की गई, उनके मुताबिक कृषि कानून विरोधी संगठनों ने सरकार के साथ खुद आगे बढ़कर वार्ता नहीं करने तथा तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर नहीं मानने का निर्णय लिया है। बैठक में 12 फरवरी से आंदोलन का स्वरूप बदलकर उसमें तेजी लाने का निर्णय भी हुआ। इस बैठक में चार प्रमुख निर्णय लिए गए, जिनकी पुष्टि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव की ओर से की गई है।
आंदोलन चलाने को लेकर नेताओं में एकराय नहीं
एक पक्ष कह रहा है कि आंदोलन चलता रहना चाहिए, भले ही एक हजार आदमी रह जाएं तो दूसरे पक्ष की राय में अब आंदोलन खत्म होना चाहिए। केंद्र की ओर से किसानों के लिए जो भी मिल रहा है, उसे ले लिया जाए। विदेश में रह रहे बड़े वर्ग की निगाह भी इस आंदोलन पर टिकी है जो लगातार फीडबैक ले रहा है। भारत के अंदरूनी मामलों में विदेशी लोगों के हस्तक्षेप का भी एक विचारधारा विरोध कर रही है। पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों के लोग आंदोलन को निपटाने के पक्षधर हैं।
किसानों की बैठक में लिए गए ये फैसले
-12 फरवरी से राजस्थान के भी सभी प्रमुख मार्गों रोड को टोल मुक्त कराया जाएगा।
-14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के महान बलिदानों की याद में देश भर में कैंडल मार्च, मशाल जुलूस निकाले जाएंगे और अन्य कार्यक्रम होंगे। लोग छतों पर भी कैंडल जलाएंगे।
-16 फरवरी को किसानों के मसीहा सर छोटूराम की जयंती पर देश भर में कृषि कानून विरोधी एकजुट होकर श्रद्धांजलि देंगे और किसान मजदूर दिवस मनाएंगे।
-18 फरवरी को दोपहर बारह से शाम चार बजे तक देश भर में रेल रोको कार्यक्रम होगा।