नई दिल्ली/National/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने गुरुवार दोपहर बारह बजे से चार बजे तक रेल रोको Stop the Trains आंदोलन का ऐलान किया है। हालांकि रेल यातायात बाधित कर पब्लिक को परेशान करने पर किसान संगठनों में मतभेद भी उभर आए हैं। अब सांकेतिक रूप से ट्रेन रोकने की बात कही जा रही है। पुलिस-प्रशासन और रेलवे ने सिंघु, टीकरी और अन्य उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां प्रदर्शनकारी बैठे हुए हैं।
टिकैत बोले-स्थानीय लोग रोकेंगे ट्रेन, यात्रियों को कराएंगे जलपान
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि स्थानीय लोग ही अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रेन रोकेंगे। सांकेतिक रूप से ही ट्रेनें रोकी जाएंगी। इस दौरान इंजन पर फूलमाला चढ़ाने के साथ चालक को फूल दिया जाएगा और यात्रियों को जलपान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रेन रोको कार्यक्रम का उद्देश्य बंद ट्रेनों को शुरू करवाना है। यूपी गेट स्थित धरनास्थल से कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। वहीं, एनएचएआई के नोटिस के संबंध में कहा कि उन्होंने हाईवे की केवल दो लेन घेरी हैं, बाकी खुली हैं। यदि एनएचएआई ने ज्यादा हरकत की तो वह देश के सभी टोल फ्री करा देंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वह बंगाल जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या सुनकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे।
पन्नू ने उगली आग, कहा-पत्नी, बच्चों को लेकर रेल रोकने जाएं
वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) ने पंजाब में 32 जगह ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है। सिंघु बार्डर पर कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने मंच से प्रदर्शनकारियों को कहा, ’32 जत्थेबंदियां पंजाब में 32 जगह रेल रोकेंगी। गांवों में भी फोन कर दो कि लोग पत्नी, बच्चों को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में रेल रोकने पहुंचें। जो भी स्टेशन उनके पास पड़ता है, वह वहां जरूर जाएं।’ पन्नू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। 25 फरवरी को तरनतारन में रैली होगी। इसके बाद कपूरथला, जालंधर, मोगा आदि स्थानों पर रैलियां निकाली जाएंगी।
RPSF के 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात
रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) के लगभग 20 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों में रेल संचालन बंद कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कोशिश रहेगी कि बड़े स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाए, जिससे यात्रियों को भोजन व अन्य जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध हो सके। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, उप्र व बंगाल सहित कुछ अन्य इलाकों में आरपीएसएफ के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। खुफिया रिपोर्ट ली जा रही है और उसी के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं। आरपीएफ संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।
रद्द नहीं हुई है कोई ट्रेन
रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि कोई ट्रेन रद्द नहीं की गई है। जरूरत के अनुसार ट्रेनों को किसी स्टेशन पर रोकने का फैसला किया जाएगा। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखकर सुरक्षा के जरूरी इंतजाम कराने में जुटे हैं।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए रेल रोको आंदोलन
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होता है, उस समय हमने सड़क जाम की। इसी तरह दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेनें ज्यादातर रात में चलती हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो। रेल रोको आंदोलन का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है।
रेल संचालन में बाधा डालने पर हो सकती है उम्रकैद
रेलवे के संचालन में बाधा डालने, ट्रेन पर पत्थर फेंकने या पटरियों को नुकसान पहुंचाने पर दोषियो को रेलवे एक्ट की धारा 150 के तहत उम्रकैद हो सकती है। धारा 174 के तहत ट्रैक पर बैठकर या कुछ रखकर ट्रेन रोकने पर दो साल की जेल, 2,000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, स्टेशन, केबिन, फाटक में जबर्दस्ती घुसने पर धारा 146, 147 के तहत छह महीने की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।