आरोप-1.26 करोड़ रुपये का मामूली बजट भी मुहैया नहीं करा पा रही योगी सरकार, सपा सुप्रीमो को पत्र लिखकर बरेली जिले में बड़ा जनांदोलन छेड़ने की बेग़ ने मांगी इजाज़त

सत्य पथिक वेबपोर्टल/बरेली/farmers in crisis: बाढ़ में क्षतिग्रस्त किच्छा बांध की दीवार की सवा दो साल बाद भी मरम्मत नहीं होने से बरेली जिले की तीन तहसीलों के हजारों किसानों की खेतीबाड़ी पर संकट के घने बादल मंडरा रहे हैं। मीरगंज के पूर्व विधायक सुल्तान बेग़ ने किसानों की रोज़ी-रोटी से जुड़े इस मसले पर संवेदनहीन शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के बैनर तले शीघ्र ही बड़ा जनांदोलन छेड़ने की इजाज़त मांगी है।

ज्ञात रहे कि पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड के ऊधमसिंहनगर जिले में स्थित किच्छा बांध से रुहेलखण्ड नहर खंड प्रणाली के जरिए बरेली जिले के तीन विधानसभा भोजीपुरा, बहेड़ी और मीरगंज के 300 से ज्यादा गांवों के खेतों की सिंचाई होती है। लेकिन, अक्तूबर 2021 में आई भीषण बाढ़ में किच्छा डैम की सुरक्षा दीवार लगभग एक किमी लंबाई में पूरी तरह टूट गई थी। सुरक्षा दीवार टूटने से किच्छा बांध से जुड़ी रुहेलखण्ड नहर प्रणाली पिछले सवा दो साल से पूरी तरह सूख चुकी है। इस वजह से बरेली जिले के इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों की हजारों हैक्टेयर फसलें भी सिंचाई के अभाव में सूख रही हैं। बरेली जिले में सिंचाई की समस्या के विकराल रूप लेने की एक खास वजह यह भी है कि ज्यादातर गांवों में भूजल स्तर काफी नीचे जा चुका है और वहां नलकूप या पंपिंग सेट के बोरिंग भी नहीं हो पा रहे हैं। सिंचाई के साथ ही पेयजल का संकट भी गहरा गया है।

पहले कांवर और बाद में मीरगंज के तीन बार विधायक रहे वरिष्ठ सपा नेता सुल्तान बेग ने किसानों की इस भीषण समस्या पर संज्ञान लेते हुए पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर अवगत कराया है और संवेदनाशून्य शासन-प्रशासन को ठोस कार्रवाई को मजबूर करने के लिए शीघ्र ही बड़े जनांदोलन की जरूरत बताई है।

श्री बेग़ ने पत्र में लिखा है कि उनके आग्रह पर रुहेलखण्ड नहर प्रणाली के अधिकारियों किच्छा बांध की एक किमी लंबी सुरक्षा दीवार की मरम्मत या पुनर्निर्माण कराने के लिए लगभग 16 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेज भी दिया है लेकिन किसानों की कथित हितैषी उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार हजारों किसानों की खेती-किसानी को नवजीवन देने वाले किच्छा डैम की दीवार के जीर्णोद्धार के लिए सवा साल बीतने के बाद भी 16 करोड़ रुपये की मामूली सी रकम भी रुहेलखण्ड नहर खंड प्रणाली के अधिकारियों को मुहैया नहीं करवा पा रही है। पूर्व विधायक सुल्तान बेग़ ने इस संवेदनशील मसले पर योगी सरकार की कुंभकर्णी निद्रा तोड़ने के लिए सपा के बैनर तले बरेली जिले में शीघ्र बड़ा जनांदोलन छेड़ने की हरी झंडी देने का सपा सुप्रीमो से आग्रह किया है।

परिकल्प निदेशालय बनाएगा बाढ़ में नहीं कटने वाली सुरक्षित डिजाइन

किसानों की समस्या को संज्ञान में लेते हुए शुरुआत में हमने बांध की क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत के लिए 16 करोड़ रुपये की परियोजना का एस्टीमेट बनाकर विभागीय उच्चाधिकारियों को भेजा था लेकिन उच्चाधिकारियों ने पक्का बांध बनवाने के बजाय कच्चा बांध बनवाने का सुझाव दिया था। इस पर 1.26 करोड़ रुपये का नया एस्टीमेट बनाकर भेजा गया। लेकिन कच्चा बांध भी बाढ़ में कट जाने की आशंका जताते हुए अव्यावहारिक बताकर इसे खारिज कर दिया गया। अब पांच जनवरी 2023 को मुख्य अभियंता, एचओडी और अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की मीटिंग में गहन विचार मंथन के बाद तय हुआ कि क्षतिग्रस्त बांध का भयंकर बाढ़ में भी सुरक्षिरहने वाला डिजाइन तैयार करने का जिम्मा परिकल्प निदेशालय को सौंप दिया जाए ताकि हर साल बाढ़ में बांध के फाटकों या उसकी सुरक्षा दीवार टूटने का खतरा ही न रहे। परिकल्प निदेशालय ने किच्छा बांध का नया डिजाइन बनाने के प्रोजेक्ट को स्वीकार कर भी लिया है। निकट भविष्य में परिकल्प निदेशालय के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम स्थलीय सर्वेक्षण कर नया डिजाइन बनाएगी।-मुकेश कुमार अधिशासी अभियंता रुहेलखण्ड नहर खंड प्रणाली।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!