सभी 213 अल्ट्रासाउंड सेंटरों में से ज्यादातर दो साल के भीतर खुले हैं, सब जांच के घेरे में
गणेश ‘पथिक’
बरेली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि बरेली जिले में संचालित कुल 213 अल्ट्रासाउंड सेंटरों में से ज्यादातर फर्जी ढंग से संचालित हो रहे हैं। लगातार गंभीर प्रकृति की शिकायतें मिलने और फजीहत झेलने के बाद सेहत महकमा भी आधे-अधूरे मन से ही सही, इन सभी फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की गोपनीय जांच कराने और छापेमारी अभियान चलाने को विवश हो गया है। हाल ही में मीरगंज इलाके में तीन समेत जिले भर में कुल छह फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा पाने पर सीज भी किए जा चुके हैं।
खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर अल्ट्रासाउंड सेंटर पिछले दो साल में पंजीकृत हुए हैं। ज्यादातर त़ो अलग-अलग कस्बों में एक ही नाम से चल रहे हैं। खेल यह कि एक नाम से पंजीकरण कराकर इलाके भर में उसी नाम वाले फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की पूरी चेन खोलकर विभिन्न जांचों के नाम पर फुल ठसके से गरीब मरीजों की जेबें काटी जा रही हैं।
मिसाल के तौर पर चार साल पहले मीरगंज में सिंधौली चौराहे पर ओमलाइफ डायग्नोस्टिक (अल्ट्रासाउंड) सेंटर खोला गया था। अब ओमलाइफ डायग्नोस्टिक (अल्ट्रासाउंड) सेंटर के ही नाम से धनेटा, फतेहगंज पश्चिमी समेत इलाके भर में कई अवैध दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि ओमलाइफ अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन कोई और नहीं, सरकारी अस्पताल में तैनात दो डॉक्टर ही धड़ल्ले से कर रहे हैं। मुरादाबाद के रिटायर्ड डॉक्टर वेदप्रकाश तो कुछ समय पहले सीएमओ बरेली को बाकायदा शिकायतीपत्र पत्र देकर उनकी चिकित्सीय डिग्री के दस्तावेज चुराकर उन्हीं के सहारे यह अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने शिकायतीपत्र में फर्जीवाड़े, दस्तावेज चोरी जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त दोनों सरकारी डॉक्टरों के नाम तक खोल दिए हैं। लेकिन, सीएमओ के स्तर से ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है।
बहरहाल, चिकित्सा विभाग में काफी गहराई तक पैठ बना चुके भ्रषटाचार और फर्जीबाड़े के इस मजबूत सिंडीकेट को तोड़ने के लिए कटिबद्ध दिख रहे नवागत सीएमओ डॉ. सुधीर गर्ग के आदेश पर जिले भर में एक ही नाम से संचालित हो रहे 40 अल्ट्रासाउंड सेंटरों की सूची भी बनवाई गई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि महंगी जांचों के नाम पर गरीबों को ठगने वाले फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटरों का गंदा-नापाक खेल अब बहुत ही जल्द खत्म होने वाला है।
फर्जीवाड़े में सरकारी डॉक्टर की लिप्तता की जानकारी नहीं
उच्चाधिकारियों का आदेश मिलने पर पिछले माह अल्ट्रासाउंड सेंटरों की रेंडम की चेकिंग की थी। विभाग और शासन को भेजी गई हमारी जांच रिपोर्ट के आधार ही तीन फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर सील कराए गए हैं। संविदा चिकित्सक ड्यूटी के बाद नौकरी या निजी व्यवसाय करने के लिए स्वतंत्र हैं। अस्पताल के चिकित्सक की फर्जीवाड़े में लिप्तता या मुरादाबाद के रिटायर्ड डॉक्टर द्वारा सीएमओ बरेली से की गई शिकायत की बाबत मुझे जानकारी नहीं है।-डॉ. अमित कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी मीरगंज, बरेली।