सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली/Free Bees Culture: सुप्रीम कोर्ट में ‘रेवड़ी कल्चर’ यानी फ्री योजनाओं पर रोक की मांग को लेकर जारी सुनवाई के बीच अब राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) चीफ जयंत चौधरी ने ट्वीट कर पूछा है कि भारत के माननीय चीफ जस्टिस को भी बताना चाहिए कि उन्हें कौन-कौन सी ‘फ्रीबीज’ मिलती रही हैं?

जयंत चौधरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने एक ट्वीट में पूछा, ”प्रधानमंत्री जी को बताना चाहिए क्या अग्निपथ योजना भी रेवड़ी नहीं है?”

क्या है मामला?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में फ्रीबीज के खिलाफ याचिका दायर कर चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ चीजें देने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कल गुरुवार को कहा था कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा उपहार का वादा करना और उन्हें बांटना एक गंभीर मुद्दा है। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। इससे पहले पीएम मोदी भी रेवड़ी कल्चर को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साध चुके हैं।
हमने सभी वादे घोषणापत्र में शामिल किए हैं- जयंत चौधरी
जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र ने सीजेआई को बताया कि चुनाव के दौरान किए गए ज्यादातर वादों को घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बनाया जाता। यह बात बीजेपी के लिए सही हो सकती है, लेकिन हमारे लिए सही नहीं है। विधानसभा चुनाव में रैलियों के दौरान किए गए सभी वादों को हमने घोषणा पत्र में शामिल किया था।

राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने कहा, जब पार्टियां घोषणापत्र घोषित किए बिना चुनाव प्रचार शुरू करती हैं, तभी ये समस्याएं पैदा होती हैं। हमने विशेषज्ञ और सार्वजनिक प्रतिक्रिया पर आधारित एक घोषणापत्र समय पर घोषित किया था, ताकि मतदाता प्रमुख मुद्दों को समझ सकें। वादे लोकतांत्रिक मतदान प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने के लिए अभिन्न हैं।
चौधरी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी काफी साहसिक लगती है लेकिन सही भावना में नहीं है। समाज के निचले हिस्से को सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं के सीधे हस्तक्षेप की आवश्यकता है चाहे वह सरकारी राशन वितरण के मामले में हो या वित्तीय सहायता के मामले में। यह जीवन के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों के संरक्षण से संबंधित है।