नये कृषि कानून को वापस करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार से कई राउंड की बातचीत के बाद भी किसान संतुष्ट नहीं है और अब किसान 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ पर अड़े हुए हैं। किसानों के भारत बंद से आम आदमी को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा डीजल-पेट्रोल एसोसिएशन ने किसानों को समर्थन देने का फ़ैसला किया है। एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि 8 दिसंबर को प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। इस बंद को 11 राजनीतिक दलों और 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन है।

किसानों की तरफ से रविवार को यह जानकारी दी गई है कि ‘भारत बंद’ के दिन सुबह आठ बजे से लेकर शाम तक यह देशव्यापी बंद रहेगा। इसके साथ ही, सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक पूरी तरह से चक्का जाम रहेगा। ऐसे में अगर आप इस दिन बाहर निकलने के बारे में रहे हैं तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें। इसके अलावा, सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही इजाजत होगी। एंबुलेंस वगैरह को इस प्रदर्शन के दौरान नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा शादियों को गाड़ियों को भी भारत बंद के दौरान नहीं रोकने का फैसला लिया गया।

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेगी। पार्टी के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा ने इसे राहुल गांधी के किसानों को समर्थन को मजबूत करने वाला कदम करार दिया। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी एक संयुक्‍त बयान जारी कर भारत बंद का खुलकर समर्थन किया। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC), लालू प्रसाद यादव की राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), तेलंगाना राष्‍ट्र समिति (TRS), राष्‍ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी राष्‍ट्रव्‍यापी बंदी का साथ देने का फैसला किया है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में ‘सभी देशवासियों से अपील की कि सब लोग किसानों का साथ दें और इसमें हिस्सा लें।’

किसान आंदोलन के साथ खड़े हुए हैं ये संगठन
किसानों ने भारत बंद के तहत ‘दिल्‍ली आने वाली सभी सड़कें ब्‍लॉक’ करने की चेतावनी दी है। टोल प्‍लाजाओं पर भी कब्‍जे की योजना है। केंद्र सरकार और कॉर्पोरेट्स के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा। राजनीतिक हलकों से इतर कई व्‍यापारिक यूनियनों और संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  • ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी (AIKSCC)
  • ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
  • इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
  • हिंद मजदूर सभा (HMS)
  • ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
  • सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
  • ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)

दक्षिण की राजनीतिक पार्टियों ने किया समर्थन: किसानों के दक्षिण की राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिला है। तेलंगाना राष्ट्र समिति ने रविवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को भारत बंद को समर्थन दिया है। तमिलनाडु में विपक्षी दलों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन दिया। DMK, कांग्रेस, CPI (M), CPI, VCK, MDMK और सहयोगी दलों ने भी किसानों के विरोध को समर्थन दिया है।

दूध-फल-सब्जी की सेवाओं पर रोक

भारत बंद के दिन किसान संगठनों ने दूध, फल और सब्जी की सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है, यानी आपको 8 दिसंबर को इसकी सेवाएं शायद ना मिल पाए। गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदर्शन करने आए किसानों का रविवार को ग्यारहवां दिन है। 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया है।

अब तक केन्द्र सरकार के साथ किसान संगठनों की पांच दौर की बैठक हो चुकी है। छठे दौर की बैठक 9 दिसंबर को होगी.

ये हैं तीन नए कानून-

  • 1.मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020
  • 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020
  • 3.किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का विरोध कर रहे हैं.

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