फतेहगंज पश्चिमी में भिटौरा रेलवे स्टेशन के पास साप्ताहिक भागवत कथा के तीसरे दिन विद्वान कथावाचक श्रीकृष्णाचार्य जी महाराज का प्रेरणादायी उद्बोधन
फतेहगंज पश्चिमी, बरेली-सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: भिटौरा रेलवे स्टेशन के पास चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा में गुरुवार को तीसरे दिन विद्वान कथावाचक स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने कलियुग के सर्वव्यापी दुष्प्रभावों और इनसे बचाव के उपायों को विस्तार से समझाया।
महाभारत के प्रेरणादायक प्रसंगों के माध्यम से बताया कि अत्याचारी जरासंध के वध के बाद उसके पुत्र सहदेव को राज्य और अनीति का प्रतीक वह राजमुकुट प्राप्त हुआ जिसमें भगवान कृष्ण के आदेश पर कलियुग प्रवेश कर चुका था लेकिन उतावलेपन में अर्जुन के प्रपौत्र परीक्षित ने उस मुकुट को स्वयं धारण कर लिया। इस तरह कलियुग पांडवों के वंशज, परम धर्मात्मा राजा परीक्षित के जीवन और राज्य में प्रविष्ट हो गया। स्पष्ट किया कि भगवद्भक्ति से ही कराल कलिकाल के दुष्परिणामों से मुक्ति संभव है।
विद्वान कथावाचक स्वामी कृष्णाचार्य ने कहा कि मांस-मदिरा जैसी अभक्ष्य चीजें खाने-पीने से कलि हमारी बुद्धि मे घुसकर विवेक को नष्ट कर देता है और जीव पथभ्रष्ट होकर पाप कर्मों में ही रम जाते हैं। विचारों की पवित्रता के लिए सात्विक खानपान बहुत जरूरी है। पवित्रता की सिर्फ बातें करना ही नहीं, पवित्र रहना भी जरूरी है। घर के सामने तो सफाई करें लेकिन मन को भी पवित्र रखना सीखें। बताया-सत्संग व्यक्ति को कुमार्ग से बचाता है। कथा से पूर्व आयोजक विनोद कुमार पांडे, प्रेमपाल सिंह, रामपाल शंखधर, सुरेश चौहान, सूर्य प्रकाश पाठक ने कथावाचक श्रीकृष्णाचार्य जी का तिलक लगाकर, माल्यार्पण कर स्वागत-अभिनंदन किया।