जम्मू-कश्मीर: 70 साल बाद पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों को ज़िला विकास परिषद चुनाव के तीसरे चरण में मतदान करने की इज़ाजत मिली। मतदान का हक पाकर रिफ्यूजी खुशी से झूम उठे। वोट डालने का हक मिलने पर वह ढोल की थाप पर जमकर नाचे।

जम्‍मू-कश्‍मीर में (Jammu Kashmir) केंद्र सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 को खत्‍म कर देने के बाद जिला विकास परिषद के आगामी चुनावों में पाकिस्तान के इन शरणार्थियों को भी वोट डालने का अधिकार मिल गया है।

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22 हजार से अधिक परिवार हैं शरणार्थियों के जम्मू-कश्मीर में

जानकारी के अनुसार जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के 22 हजार से अधिक परिवार रहते हैं। आबादी के लिहाज से इनकी संख्‍या डेढ़ लाख से अधिक है। इनके बीच करीब एक लाख ऐसे रिफ्यूजी हैं, जिनके पास मतदान करने का अधिकार है. इससे पहले संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ये शरणार्थी परिवार सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही मतदान कर पाते थे। लोकसभा चुनाव के अलावा इन शरणार्थियों को विधानसभा चुनाव, स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था।

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