सत्य पथिक वेबपोर्टल/टोरंटो-कनाडा/Kali Poster issue: ‘काली’ पोस्टर विवाद में भारतीय उच्चायोग ने भारतीय उच्चायोग ने कनाडा सरकार से आपत्तिजनक सामग्री फौरन हटवाने को कहा है। भारतीय उच्चायोग ने इस मसले पर जारी किए गए अपने बयान में कहा है कि हमें कनाडा के हिंदू नेताओं की तरफ से कई शिकायतें मिली हैं कि कनाडा में अंडर द टेंट प्रोजेक्ट के तहत प्रदर्शित एक पोस्टर में हिंदू देवी-देवताओं की बेअदबी की गई है।यह प्रोजेक्ट टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया।
पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते और हाथ में त्रिशूल और समलैंगिकों के संगठन LGBTQ का झंडा थामे दिखाया गया है। यह विवादित पोस्टर भारतीय मूल की फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ का है। पोस्टर 2 जुलाई को रिलीज हुआ था।

भारतीय उच्चायोग के काउंसलेट जनरल ने आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाने के आग्रह के साथ ही कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं के विरुद्ध गहरी आपत्ति भी दर्ज कराई है। साथ ही हिंदू समूहों को कनाडा सरकार के जरिए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराने का भरोसा भी दिलाया है। हम कनाडा के अधिकारियों से अपील करते हैं कि
क्या है मां काली पोस्टर विवाद?
बता दें कि का पोस्टर इंडियन फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने 2 जुलाई को रिलीज किया था. फिल्म के पोस्टर में ‘मां काली’ को सिगरेट पीते दिखाया गया है. यही नहीं, उनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा दिखाया गया है. इन्हीं दो चीजों पर विवाद हो रहा है.
सोशल मीडिया पर यूजर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ की मेकर लीना मणिमेकलई को अरेस्ट करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्हें जमकर खरी-खोटी भी सुना रहे हैं। सोशल मीडिया पर #arrestleenamanimekalai ट्रेंड कर रहा है। इनका कहना है कि फिल्म के पोस्टर में मां काली का अपमान किया गया है।
फिल्ममेकर लीना ने दी है सफाई
फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने भी विवाद पर रिएक्शन दिया है। लीना ने ट्वीट कर कहा कि- ‘फिल्म उन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उस शाम की है, जब काली प्रकट होती है और टोरंटो की सड़कों पर टहलती है। आप पोस्टर देखें, तो हैशटैग “अरेस्ट लीना मणिमेकलई” न डालें बल्कि हैशटैग “लव यू लीना मणिमेकलई” डालें।’ लीना के इस क्लैरिफिकेशन के बावजूद सोशल मीडिया यूजर्स की नाराजगी कम नहीं हुई है। लोगों ने उन्हें फिर से जमकर फटकार लगाई है।