मॉडलिंग से पहचान बनाने की कोशिश में जुटी हैं, मिलने लगे ऑफर
बरेली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: अपने शहर की एक और बेटी कृपा राज इमेनुअल मॉडलिंग की विंडो से Bollywood के सपनीले आसमान में कामयाबियों की ऊंची परवाज भरने को बेताब, बेकरार हैं। ‘ Miss & Mr Inspiration Fashion Icon India’ की 2nd Runner up रहीं कृपा राज को मॉडलिंग के कई ऑफर मिल भी चुके हैं।
अपनों ने हौसला बढ़ाया तो पकड़ी Modeling की राहपिता राजेन्द्र राज और मां संतोष राज दोनों बिशप कॉनार्ड में टीचर हैं। परिवार परवाना नगर में रहता है। बेटी कृपा राज ने भी बिशप कॉनार्ड से पढ़ाई पूरी करने के बाद कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का कोर्स किया। बताती हैं कि फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी और सिंंगिंग का शौक तो शुरू से ही था। परिवार वालों और परिचितों ने मॉडलिंग के लिए प्रेरित-प्रोत्साहित किया तो इस राह पर चल पड़ी हूं।
मॉडल्स की भीड़ से नर्वस हुई तो मां ने बढ़ाया हौसला
मां संतोष राज बताती हैं कि 19 बरस की उम्र में बेेेेटी को दिल्ली में ‘Miss & Mr Inspiration Fashion Icon India’ में भाग लेने का मौका मिला। शो सेे एक दिन पहलेे पति राजेन्द्र राज की अचानक तबियत खराब हो गई। लिहाजा मुझे अकेले ही बेटी कृपा को लेकर दिल्ली जाना पड़ा। राजधानी के जिस होटल में Show था और वहां Entry के तुरंत बाद से ही सभी मॉडल्स की मार्किंग हो रही थी। बेटी कुछ नर्वस हुई तो उसका हौसला बढ़ाया। शो के तीन राउंड थे। दूसरे राउंड में कृपा का एक पार्टनर गड़बडा गया। जूरी ने इसके बाद फैसला सुनाया तो कृपा 2nd Runner up का तमगा पा चुकी थी। हमारी खुशी का ठिकाना नहींं रहा। खुशी इतनी कि कृृृृपा की आंखें बरस पड़ीं। अब कृपा को मॉडलिंंग के कई ऑफर मिल रहे हैं। हमारे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है?
बॉलीवुड में कामयाबी के झंडे गाड़ रहे कई Bareilliansकृपा बताती हैं, मशहूर अभिनेत्री प्रियंका चौपड़ा, दिशा पाटनी, कविता सेठ, नेहा कक्कड़, हिबा नवाब, पारस अरोड़ा, सुधांशु पांडे, प्रिया गुप्ता, सावी तोमर जैसे सीनियर कलाकार बरेली से निकलकर मुंबई में अपनी-अपनी तरह से कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। मुझे फख्र है कि मैंं इसी बरेली से हूं, जहांं का नाम कलाकारों की दुनिया में बेहद अदब और रुआब बहुत के साथ लिया जाता है।
बेटे आशीष ने सुसाइड किया, तो कृपा बनी सहाराकृपा मां-बाप की इकलौती बेटी हैं मगर कुछ साल पहले उनके पास भी जान से प्यारा बड़ा भाई था। नाम था आशीष राज। विशप कॉनार्ड से पढ़ाई पूरी करने के बाद आशीष ने खेल की दुनिया में कदम रख लिया था। वह बास्केटवाल का शानदार खिलाड़ी बनकर उभर रहा था। बाइक रेसिंग में भी नाम कमा रहा था। मां संतोष राज और पिता राजेन्द्र राज बताते हैं कि हमारा आशीष पढ़ाई में बहुत होशियार तो था ही, खिलाड़ी भी शानदार था। मगर कुदरत ने अचानक हमेशा के लिए हम सबसे खुशियां छीन लीं। 2017 में इकलौते बेटे आशीष ने आत्महत्या कर ली। कृपा उस वक्त 14 साल की थी।
भइया की याद आते ही भर आईं आंखें
कृपा बताती हैं, भैया आशीष कोई घातक ऑनलाइन खेल खेलने लगे। उसी खेल ने उनकी जान ले ली। भाई की याद आती है तो कलेजा फट पड़ता है। मम्मी-पापा को हमने किस तरह संभाला, हम ही जानते हैं। बोलते-बोलते कृपा की आंखें भर आईं। गल रुंध गया। बोलीं, संघर्ष के दम पर बॉलीबुड में धमाल मचाने वाले अभिनेता स्व. सुशांत सिंह राजपूत मेरे लिए सबसे बड़़े हीरो हैं। शिकायत उस समय के उस साए से है, जिसने उन्हें देश से छीन लिया।
बरेली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: अपने शहर की एक और बेटी कृपा राज इमेनुअल मॉडलिंग की विंडो से Bollywood के सपनीले आसमान में कामयाबियों की ऊंची परवाज भरने को बेताब, बेकरार हैं। ‘ Miss & Mr Inspiration Fashion Icon India’ की 2nd Runner up रहीं कृपा राज को मॉडलिंग के कई ऑफर मिल भी चुके हैं।


मां संतोष राज बताती हैं कि 19 बरस की उम्र में बेेेेटी को दिल्ली में ‘Miss & Mr Inspiration Fashion Icon India’ में भाग लेने का मौका मिला। शो सेे एक दिन पहलेे पति राजेन्द्र राज की अचानक तबियत खराब हो गई। लिहाजा मुझे अकेले ही बेटी कृपा को लेकर दिल्ली जाना पड़ा। राजधानी के जिस होटल में Show था और वहां Entry के तुरंत बाद से ही सभी मॉडल्स की मार्किंग हो रही थी। बेटी कुछ नर्वस हुई तो उसका हौसला बढ़ाया। शो के तीन राउंड थे। दूसरे राउंड में कृपा का एक पार्टनर गड़बडा गया। जूरी ने इसके बाद फैसला सुनाया तो कृपा 2nd Runner up का तमगा पा चुकी थी। हमारी खुशी का ठिकाना नहींं रहा। खुशी इतनी कि कृृृृपा की आंखें बरस पड़ीं। अब कृपा को मॉडलिंंग के कई ऑफर मिल रहे हैं। हमारे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है?


भइया की याद आते ही भर आईं आंखें
कृपा बताती हैं, भैया आशीष कोई घातक ऑनलाइन खेल खेलने लगे। उसी खेल ने उनकी जान ले ली। भाई की याद आती है तो कलेजा फट पड़ता है। मम्मी-पापा को हमने किस तरह संभाला, हम ही जानते हैं। बोलते-बोलते कृपा की आंखें भर आईं। गल रुंध गया। बोलीं, संघर्ष के दम पर बॉलीबुड में धमाल मचाने वाले अभिनेता स्व. सुशांत सिंह राजपूत मेरे लिए सबसे बड़़े हीरो हैं। शिकायत उस समय के उस साए से है, जिसने उन्हें देश से छीन लिया।