लखनऊ/काम की खबर/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: अब यूपी में किसानों को उनके कीमती भू-अभिलेखों के चोरी होने, खोने या नष्ट हो जाने का डर नहीं रहेगा। सरकार इन अभिलेखों को डिजिटल बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने उत्तर प्रदेश अधिकारों का अभिलेख (कंप्यूटरीकरण) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2021 को मंजूरी दे दी है। इससे राजस्व परिषद, मंडलायुक्त, जिला, तहसील स्तर पर कंप्यूटर केंद्र, राजस्व न्यायालयों और राजस्व अभिलेखागारों के कंप्यूटरीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। सरकार ने स्वामित्व योजना और भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण के रास्ते में बजट को लेकर आने वाली बाधा दूर कर दी है।
5 पन्नों से अधिक की खतौनी पर अतिरिक्त चार्ज
अब यूपी में भू-अभिलेख डिजिटल होंगे। यही नहीं, 5 पन्नों से अधिक की खतौनी पर अतिरिक्त चार्ज भी देना होगा। आवेदन पत्र के साथ 15 रुपये का प्रयोक्ता प्रभार और पांच पृष्ठों से अधिक की खतौनी पर प्रति पृष्ठ एक रुपये का शुल्क भू-स्वामी को अदा करना होगा।विभागीय वेबसाइट के माध्यम से भी प्रयोक्ता प्रभार और सेवा प्रदाता प्रभार देकर इलेक्ट्रानिक माध्यम से इसे हासिल किया जा सकेगा। प्रयोक्ता प्रभार की धनराशि बैंक में एक अलग खाते में रखनी होगी। इस खाते का संचालन परगना मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राजस्व परिषद के निर्देशों पर करेंगे।
जल्दी मिल सकेंगे दस्तावेज
प्रयोक्ता प्रभार मद में अधिक पैसा आए, इसके लिए पांच पन्नों से अधिक की खतौनी पर एक रुपये अतिरिक्त पेज लेने का फैसला किया गया है। इससे किसानों के साथ आम लोगों को राजस्व विभाग की सेवाएं और स्वामित्व योजना के अंतर्गत आबादी के अधिकार प्रमाण पत्र जल्द मिल सकेंगे।