बोले कोविशील्ड निर्माण कंपनी एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला
सत्य पथिक, पुणे: कोरोना के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को कहा कि अग्निकांड से कंपनी को एक हजार करोड़ रूपये का भारी नुकसान हुआ है। इसके बावजूद COVID-19 टीकों की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। हालांकि एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे के चलते भविष्य में बीसीजी और रोटा वैक्सीन के उत्पादन पर थोड़ा असर जरूर पड़ेगा।
कोविड वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होगी प्रभावित
1,000 करोड़ से अधिक का नुकसान
कोरोना वैक्सीन पर अच्छी खबर, अगले हफ्ते से शुरू होगा ऑक्सफोर्ड के टीके के तीसरे चरण का ट्रायल
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पूनावाला ने कहा कि हम भाग्यशाली थे कि घटना एक अलग इमारत में हुई। हालांकि इस अग्निकांड के चलते कंपनी (Serum Institute of India) को लगभग 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। पूनावाला ने यह भी कहा कि इस अग्निकांड का कोविशिल्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के उत्पादन पर कोई असर नहीं हुआ है। ना ही मौजूदा स्टॉक को किसी प्रकार का कोई नुकसान हुआ है।
बीसीजी और रोटा वैक्सीन के उत्पादन पर असर
हालांकि अंदरखाने जानकारी मिली.है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा है कि उसके मंजरी प्लांट में निर्माणाधीन इमारत में आग लगने से भविष्य में बीसीजी और रोटा वैक्सीन के उत्पादन पर असर पड़ेगा। कंपनी ने दोहराया कि कोविड वैक्सीन का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है।
मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा
एसआईआई के अन्य उच्च अधिकारियों ने भी माना कि इस अग्निकांड से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। बीसीजी और रोटा के टीके के उत्पादन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। गुरुवार को कंपनी के मंजरी प्लांट में लगी आग में पांच मजदूरों की जान चली गई थी। कंपनी ने हर मृत कोशिकाओंमजदूर के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
वेल्डिंग करते वक्त भड़की थी आग
इस बीच, महाराष्ट्र के आबकारी और श्रममंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने एसआईआउ के पुणे प्लांट का दौरा किया और कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक साइरस पूनावाला से मुलाकात की। इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक बिल्डिंग निर्माण के दौरान वेल्डिंग के चलते आग लगी।
दूसरे हिस्से में भी लगी थी आग, छह मजदूर बचाए
मामले की जांच के लिए राज्य फोरेंसिक विभाग की एक टीम ने भी शुक्रवार को घटना स्थल का दौरा किया और मौके से नमूने एकत्र किए। अग्निकांड के कुछ देर बाद इमारत के एक अन्य हिस्से में भी आग लग गई थी। वहां छह मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।