मसाला किंग के नाम से मशहूर एमडीएच (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (Dharampal Gulati) का 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली के माता चंदन देवी अस्पताल (Mata Chanan Devi Hospital ) में 3 दिसंबर 5.38 बजे आखिरी सांस ली।

परिजनों द्वारा जानकारी मिली है कि वह पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, हालांकि उससे ठीक होने के बाद बृहस्पतिवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
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पिछले साल पद्मविभूषण से हो चुके हैं सम्मानित
व्यापार और उद्योग खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने पिछले साल महाशय धर्मपाल गुलाटी (Dharampal Gulati) को पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा वह कई स्थानों पर सम्मानित हुए हैं। महाशय धर्मपाल सिंह गुलाटी के निधन पर नेता, अभिनेताओं ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।
महाशय पाकिस्तान से भारत आए थे
महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) का जन्म 27 मार्च 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था और यहीं से उनके व्यवसाय की नीव पड़ी थी। कंपनी की शुरुआत एक छोटी सी दुकान से हुई, जिसे उनके पिता ने विभाजन से पहले शुरू किया था। हालांकि 1947 में देश के विभाजन के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया था। बताया जाता है कि दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने एक तांगा खरीदा, जिसमें वह कनॉट प्लेस और करोल बाग के बीच यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते थे।
गरीबी से परेशान होकर तांगा बेच दिया और 1953 में चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर ले ली। इसके बाद उन्होंने महाशिया दी हट्टी (MDH) नाम का दुकान खोला और मसालों का व्यापार का व्यापार शुरू किया। जैसे-जैसे लोगों को पता चला कि सियालकोट की देगी मिर्च वाले अब दिल्ली आ गए हैं, उनका कारोबार फैलता चला गया। उनकी कंपनी ने मसाले के क्षेत्र में बड़ा नाम किया।
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