यूपी सरकार के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता की सुप्रीम कोर्ट में दलील, मुख्तार के खिलाफ गंभीर मामले, यूपी की जेल में शिफ्ट किया जा

चंडीगढ़, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां मुख्तार अंसारी को आतंकवादी बताते हुए पंजाब की कांग्रेस सरकार पर उसे बचाने की कोशिश का इल्जाम लगा रही है; वहीं, मुख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया कि वह कोई आतंकवादी नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार से है और उनके ही परिवार के हामिद अंसारी भारत के उपराष्ट्रपति रहे हैं।

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने हलफनामे में दावा किया है कि उनके परिवार से देश को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व राज्यपाल भी मिल चुके हैं। अंसारी ने खुद को यूपी की जेल में ट्रांसफर किए जाने का विरोध करते हुए यह हलफनामा दाखिल किया है।

बता दें कि योगी सरकार काफी समय से मुख्तार अंसारी को यूपी लाने की कोशिश कर रही है। वहीं, पंजाब के रोपड़ जेल प्रशासन ने अंसारी को यूपी ट्रांसफर करने से मना कर दिया है। उन्होंने इसके लिए मुख्तार अंसारी की खराब सेहत का हवाला दिया है। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है।

सोमवार को अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वह पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के खानदान से है। अंसारी ने हलफनामे में बताया है कि उनके दादा शौकत उल्ला अंसारी ओडिशा के राज्यपाल रहे हैं। वहीं जस्टिस आसिफ अंसारी भी उन्हीं के परिवार से हैं, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता सुभानअल्लाह अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे थे।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी को आतंकवादी बताया है। यूपी सरकार ने अंसारी को आतंकवादी कहकर आरोप लगाया कि पंजाब सरकार उनका (अंसारी) समर्थन कर रही है। अंसारी पंजाब में फाइव स्टार सुविधा पा रहे हैं, जबकि उनके खिलाफ हत्या सहित अन्य गंभीर मामले पेंडिंग हैं। यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अंसारी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और मामले यूपी में पेंडिंग हैं।

सालिसिटर जनरल ने कहा कि दो साल पहले उन्हें एक नाबालिग से संबंधित केस में पंजाब लाया गया था और तब से वह यहां की जेल में बंद हैं। उन्‍हें संबंधित मामले के मद्देनजर यूपी जेल में ट्रांसफर किया जाए। अंसारी यूपी में पेंडिंग केस में पेशी से बच रहे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

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