नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के साथ ही गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा आदि शहरों में भी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लागू हो गया है।

हरियाणा सरकार ने दो घंटे पटाखे जलाने की छूट दी थी। जिससे लोग संशय में थे की यह छूट गुड़गांव में मिलेगी भी या नहीं, एनजीटी ने साफ कहा है कि जिन शहरों में वायु गुणवत्ता थोड़ी ठीक है वहा भी सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने की छूट है। वायु प्रदूषण को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है।
पूरे देश के लिए जारी NGT के आदेश
देश के जिन राज्यों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी ‘खराब’ की श्रेणी में बनी हुई है, उन राज्यों और शहरों में भी 9 नवंबर की मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़ा NGT का आदेश लागू होगा। जिन शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं।
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दिल्ली सरकार ने 7 तारीख से लगाया था बैन
शुरुआत में पटाखों पर बैन की मांग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण और इससे कोरोना महामारी के और गंभीर शक्ल लेने की आशंकाओं के चलते उठाई गई थी। दूसरे राज्यों में भी इसी तरह की मांग उठी तो एनजीटी ने मामले का दायरा बढ़ा दिया और इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल कर लिया। सिर्फ उन राज्यों को छोड़कर जहां हालात के मद्देनजर पहले ही पटाखे जलाए जाने और उनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सबसे पहले ओडिशा और राजस्थान से इसकी शुरुआत हुई।
एनजीटी ने सुनीं सभी पक्षों की दलीलें
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने गुरुवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पटाखे बनाने वालों के संगठन को भी सुना था। इंडियन फायरवर्क मैनुफक्चरर्स असोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दलीलें रखीं। एमिकस के तौर पर सीनियर एडवोकेट राज पंजवानी, केंद्र और सीपीसीबी की दलीलों पर भी गौर किया।
पटाखे बेचने के सारे लाइसेंस रद्द
दिल्ली पुलिस ने पटाखे बेचने के लिए जारी किए गए सभी तरह के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। रविवार को पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान में बताया गया कि राजधानी में पटाखे बेचने के सभी लाइसेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं और NGT के निर्देशों के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। यानी इस पाबंदी के बाद भी अब अगर कोई चोरी छुपे गैरकानूनी तरीके से पटाखे बेचने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से पटाखे बेचने वालों को गिरफ्तार करके पुलिस उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 286 के अलावा एक्सप्लोसिव्स एक्ट की धारा 9-बी के तहत भी केस दर्ज कर रही है।
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