पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, जियो पे, ऐमजॉन पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप के जरिये अगर आप भी यूपीआई पेमेंट करते हैं तो यह आपके लिए है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India ) ने थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) पर 30 फीसदी कैप लगाने का फैसला किया है। 1 जनवरी 2021 से यह नियम लागू होगा।
थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार को खत्म करने के लिए यह फैसला
थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार को रोकने और उसे आकार के कारण मिलने वाले विशेष फायदे से रोकने के लिए NPCI ने यह फैसला किया है। यानी इस नियम के लागू होने के UPI ट्रांजैक्शन में किसी भी एक पेमेंट ऐप का एकाधिकार नहीं होगा।

अधिकतम 30 फीसदी ट्रांजैक्शन की इजाजत
NCPI ने कहा कि अब हर महीने 2 अरब UPI ट्रांजैक्शन देश में हो रहे हैं। हर तरह के पेमेंट बैंक और बैंक इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे आम जनता को भी काफी राहत मिल रही है। आने वाले दिनों में UPI ट्रांजैक्शन में और तेजी आएगी। ऐसे में NPCI ने फैसला किया है कि किसी भी सिंगल थर्ड पार्टी ऐप को टोटल वॉल्यूम का अधिकतम 30 फीसदी ट्रांजैक्शन की ही इजाजत होगी।
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1 जनवरी 2021 से लागू
NCPI के इस नियम को आसान शब्दों में समझते हैं। मान लीजिए कि जनवरी 2021 में हर महीने अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर 3 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं। इसका 30 फीसदी, यानी अधिकतम 90 लाख ट्रांजैक्शन किसी एक थर्ड पार्टी ऐप (जैसे पेटीएम, गूगल पे, जियो पे) से एक महीने में किए जा सकते हैं। नए नियम का यूजर्स पर किस तरह का असर होगा, इसको लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
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