नई दिल्ली/Health/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) नई दिल्ली में ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की सुविधा तो है लेकिन रोगी को ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट दिलाना रेलवे में तत्काल आरक्षण कराने से कम मुश्किल नहीं है। दरअसल, मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, गायनी, गैस्ट्रोलाजी, यूरोलाजी सहित नौ विभागों की ओपीडी में नए मरीजों के इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट का स्लॉट अगले एक माह तक फुल है। इसलिए इन सभी 9 विभागों की ओपीडी में इलाज के लिए नए मरीजों को एक माह के अंदर का अप्वाइंटमेंट तो मिल ही नहीं रहा है; एक माह बाद के लिए भी आधी रात के 12 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है और कुछ ही घंटे के अंदर अप्वाइंटमेंट फुल हो जाता है।
एम्स प्रशासन द्वारा तय नियम के अनुसार ओपीडी में इलाज के लिए अधिकतम एक माह की ही वेटिंग दी जाती है। इसके बाद का अप्वाइंटमेंट नहीं दिया जाता। मेडिसिन, सर्जरी सहित नौ विभागों में 11 मार्च तक अप्वाइंटमेंट के लिए एक भी स्लॉट खाली नहीं है। यदि उन विभागों की ओपीडी में इलाज के लिए मरीज ऑनलाइन डॉक्टर से समय लेना चाहे तो 12 मार्च के अप्वाइंटमेंट का स्लॉट मंगलवार रात 12 बजे खुलेगा। यदि कोई 13 मार्च का अप्वाइंटमेंट लेना चाहे तो उसे अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से एम्स के व्यस्त विभागों में इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना मरीजों के लिए आसान नहीं है।

हालांकि, एम्स के मुख्य अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, हीमेटोलॉजी, रेडियोथेरेपी, जेरियाट्रिक मेडिसिन, प्लास्टिक सर्जरी सहित आठ विभागों में इलाज के लिए इस माह में इलाज के लिए भी आसानी से अप्वाइंटमेंट उपलब्ध है। इन विभागों में इलाज के लिए मरीज किसी भी वक्त आसानी से अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। वहीं पल्मोनरी मेडिसिन, इंडोक्रिनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, पीडियाट्रिक व मनोचिकित्सा विभाग में 25 से 28 दिन बाद का अप्वाइंटमेंट आसानी से मिल रहा है।

तय स्लॉट से काफी कम मरीजों को अप्वाइंटमेंट

चार फरवरी से एम्स में ओपीडी सामान्य होने के बाद हर विभाग में कुल 150 मरीज देखने का प्रावधान किया गया है। लिहाजा, प्रत्येक विभाग में 50 नए व 100 पुराने मरीज देखे जाएंगे। इसके तहत 70 फीसद मरीजों को ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट से और 20 फीसद मरीजों को बगैर अप्वाइंटमेंट के इलाज की व्यवस्था है। करीब 10 फीसद स्लॉट एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित मरीजों के लिए रखा गया है। ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट सिस्टम से एम्स के मुख्य अस्पताल के 22 विभागों के अलावा कार्डियक न्यूरो सेंटर, कैंसर सेंटर, डेंटल सेंटर व आरपी सेंटर (आंखों का अस्पताल) के लिए मरीज को समय दिया जाता है।

नियमों की बात करें तो एम्स के मुख्य अस्पताल में प्रतिदिन 2310 मरीजों को ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट मिलना चाहिए, जिसमें 770 नए व 1540 पुराने मरीज शामिल हो सकते हैं। जबकि 7 फरवरी को नए पुराने कुल 1214, आठ फरवरी को कुल 1321 व नौ फरवरी को कुल 978 मरीजों ने अप्वाइंटमेंट लिया। फिर भी मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, गायनी, गैस्ट्रोलॉजी, यूरोलॉजी, रुमेटोलॉजी व त्वचा विभाग में इलाज के लिए 11 मार्च तक अप्वाइंटमेंट नहीं मिल रहा था। यह भी तब जबकि आप्वाइंटमेंट लेने वाले कुल मरीजों में कार्डियक न्यूरो सेंटर, कैंसर सेंटर, आरपी सेंटर व डेंटल सेंटर के मरीज भी शामिल हैं।

AIIMS प्रशासन की सफाई, कॉल सेंटर से भी अप्वाइंटमेंट


इस बारे में एम्स प्रशासन का कहना है कि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के अलावा सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक कॉल सेंटर के माध्यम से भी अप्वाइंटमेंट दिया जाता है। इसलिए अप्वाइंटमेंट लेने वाले असल मरीजों की संख्या ज्यादा है। मरीजों का दबाव अधिक है। इसलिए अप्वाइंटमेंट के लिए एक माह की वेंटिंग है।

ऑनलाइन, कॉल सेंटर से अप्वाइंटमेंट लेने वाले रोगी

तारीख नए रोगी पुराने रोगी

4 फरवरी 1157    1810

5 फरवरी 1447    2212

6 फरवरी   754    1033

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