असम के ढुबरी से मेघालय की फुलवाड़ी तक 250 किमी की दूरी 19 किमी रह जाएगी
नई दिल्ली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में महाबाहु ब्रह्मपुत्र परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना में सबसे प्रमुख है ढुबरी-फुलवाड़ी के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाला पुल। इससे असम और मेघालय के बीच की दूरी 203 किमी तक घटकर सिर्फ 19 किमी या 20 मिनट की रह जाएगी।
असम और मेघालय के बीच की दूरी 250 किमी है। यहां की जनता 10 साल से ढुबरी और फुलवाड़ी के बीच पुल बनवाने की मांग कर रही थी। वर्तमान में लोग 60 किमी का फेर काटकर नारायणन ब्रिज होते हुए या छोटी बोट्स के जरिये ढाई से तीन घंटे में नदी पार कर पहुंचते हैं।
20 मिनट का रह जाएगा ढाई घंटे का फासला
वर्तमान में लोग असम के नारायणन ब्रिज से होकर जाते हैं, जो इस ब्रिज से 60 किलोमीटर दूर है। वर्ष 2027 तक बनने वाला 19.3 किमी लंबा नया ब्रिज एनएच 127 बी के साथ असम को मेघालय से जोड़ेगा। यहां अभी असम के ढुबरी और मेघालय के फुलबाड़ी के बीच छोटी बोट्स चलती हैं और नदी को पार करने में करीब ढाई घंटे का समय लगता है। अब वाहन से 15-20 मिनट में ही पार हो जाएगा।
महाबाहु-ब्रह्मपुत्र परियोजना
असम में कनेक्टिविटी (संपर्क) के उद्देश्य से महाबाहु-ब्रह्मपुत्र योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत कई छोटी-बड़ी परियोजनाओं को शामिल किया गया है। जिसका मुख्य लक्ष्य आवागमन को आसान बनाना है। इसकी शुरुआत के साथ ही नीमाटी-मजुली द्वीप, उत्तरी गुवाहाटी-दक्षिण गुवाहाटी और ढुबरी- हाटसिंगिमारी के बीच रो-पैक्स पोत का संचालन होगा। इसके अलावा जोगीघोपा में अंतर्देशीय जल परिवहन टर्मिनल भी बनेगा।
काफी घट जाएगा फासला
इन योजनाओं की मदद से रो-पैक्स सेवाओं से तटों के बीच संपर्क बनाने की कोशिश है, साथ ही सड़क मार्ग से यात्रा की दूरी भी कम हो जाएगी। नेमाटी और मजुली के बीच रो-पैक्स परिचालन से वर्तमान में वाहनों द्वारा तय की जा रही 420 किलोमीटर की कुल दूरी कम होकर केवल 12 किलोमीटर रह जाएगी।
ढोला-सादिया सबसे लंबा पुल
भारत में अभी सबसे लंबा रिवर ब्रिज (नदी का पुल) ढोला-सादिया है जो 9.15 किलोमीटर लंबा है। इसे पिछले साल ही खोला गया है। परिवहन मंत्रलय के एक अधिकारी ने बताया, इस पुल के निर्माण से दोनों की ओर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और दोनों राज्यों को फायदा होगा।