सत्य पथिक वेबपोर्टल/मुम्बई/Rahul Narvekar elected new speaker: सियासी उथल पुतल के बीच रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन साल भर से खाली स्पीकर पद पर चुनाव में एकनाथ शिंदे गुट के राहुल नार्वेकर को महाराष्ट्र विधानसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है।

समर्थक विधायकों की संख्या गिनकर अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई। राहुल को 164 वोट मिले जबकि विरोधी उद्धव खेमे के राजन साल्वे को 107 वोट ही मिल पाए।
शिंदे को झटका दे उद्धव खेमे में लौटे दो बागी विधायक
हालांकि शिंदे कैंप के शिवसेना विधायक नितिन देशमुख और कैलाश पाटिल आज विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के दौरान दोबारा उद्धव ठाकरे कैंप में लौट गए। मुख्यमंत्री शिंदे और उनके सहयोगी इन दोनों विधायकों को अपने साथ नहीं रख पाए। दोनों ने ऐन चुनाव के मौके पर शिंदे कैंप को धोखा दे दिया और शिवसेना प्रत्याशी राजन साल्वे के पक्ष में अपने वोट दिए। उद्धव खेमे ने मेजें थपथपाकर इन दोनों का स्वागत किया।
दो भाजपा विधायकों समेत 17 ने नहीं डाले वोट
भाजपा के लक्ष्मण जगताप, मुक्ता तिलक, एनसीपी के सात विधायकों, कांग्रेस के एक, एक निर्दलीय और सपा-एआईएमआईएम के दो-दो विधायकों ने अध्यक्ष चुनाव में अपने वोट नहीं डाले।
इधर, सत्र से पहले उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जारी मतभेदों के चलते विधानभवन में स्थित शिवसेना विधानमंडल कार्यालय को बंद रखा गया था। हालांकि, अबतक यह साफ नहीं हो पाया है कि किसके कहने पर इसे बंद किया गया है।
बता दें कि महाविकास अघाड़ी का हिस्सा कांग्रेस ने सियासी संकट के बीच विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने राज्यपाल का एक पत्र पेश किया, जिसमें राज्यपाल की ओर से कहा गया था कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण स्पीकर का चुनाव संभव नहीं है. हालांकि, सत्ता परिवर्तन के साथ राज्यपाल का रुख बदल गया है. ऐसे में उद्धव खेमे की ओर से उनकी लगातार आलोचना की जा रही है. उनका कहना है कि राज्यपाल पक्षपात कर रहे हैं।
राहुल नार्वेकर ने संभाली स्पीकर की कुर्सी
भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने “जय भवानी, जय शिवाजी”, “जय श्री राम”, “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों के बीच महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है।
डिप्टी स्पीकर ने उद्धव गुट के पत्र को पढ़ा
डिप्टी स्पीकर ने उद्धव ठाकरे के गुट की ओर से दिए गए पत्र को पढ़ा, जिसमें कहा गया है कि कई शिवसेना विधायकों ने पार्टी के आदेश का पालन नहीं किया, उसे रिकॉर्ड पर लाया जाए। बता दें कि कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना की ओर से दिए पत्र को पढ़कर उसे रिकॉर्ड पर लेने कहा था।