राहुल यदुवंशी: आदर्श शिक्षक की मशाल थामकर वर्षों से जगा रहे शिक्षा की ज्योति
-'पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'-इस तथ्य को साबित करके दिखा रहे हैं बचपन से ही एक पैर पोलियो की वजह से निष्क्रिय हो चुकने के…
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-'पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'-इस तथ्य को साबित करके दिखा रहे हैं बचपन से ही एक पैर पोलियो की वजह से निष्क्रिय हो चुकने के…
बरेली में अड्डेबाजी के लिए तब के प्रमुख चावला रेस्टोरेण्ट, चोधरी रेस्टोरेंट, कचहरी पर फौजी और बसंत की चाय की दुकान, बार एसोसिएशन वाली बगिया, सैलानी चोराहा, नावल्टी चोराहे पर…
मुझे एक ऐसी माँ चाहिए जो बच्चे की तरह गोद में सिर रखकर मुझे सुला सके। मुझे "माँ" चाहिए, लेकिन "ऑफ़लाईन।
अभी तारी सुरूर हैं हम परहाँथ वो कैसा जाम लाया था। लूटकर ले गया हमको अपनाकोई जो सरेशाम आया था। रहा अपने करीब कोई बहुतहुआ रुख़सत जो गांव आया था।…
Bareilly /Fatheganj West/काव्य/ग़ज़ल/रचनाकार/ सत्यपथिक न्यूज़ नेटवर्क आशिक़ी के समंदर में पीर पतवार बन जाएकहा किसने कि कोई नाख़ुदा दिलदार बन जाए। मरीजे इश्क़ को बस आशियाँ तिनकों का काफ़ी हैंमहल…
Bareilly /Fatehganj West/काव्य,ग़ज़ल, रचनाकार/ सत्यपथिक न्यूज़ नेटवर्क ज़िगर में ग़मों के समंदर छिपाए? नज़र में कितने ही खंज़र छिपाए। लबों पे लिए प्यार का इक तराना वो आशिकी के हैं…
5 जून पर्यावरण दिवस पर जनचेतना को झकझोरकर जगाता युवा पत्रकार आशीष जौहरी का विशेष आलेख बरेली/पर्यावरण संरक्षण/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना…
Pilibhit/Bareilly: Featured:सत्यपथिक न्यूज़ नेटवर्क तुम मुझे नहीं पढ़ते खुद को ढूंढते हो,मेरी हर बात में भी सिर्फ अपनी बात खोजते हो।बस इतने करीब रहो कि बात न भी होतो दूरी…
“रब जोड़कर अपनी मर्जी बताता है “ जो नम आंखों के साथ भी मुस्कुराना सिखाता है,गम को भुला कर महफिल में जीने की अदा सिखाता है।लोगों का काम है तमाशा…
वक्त भी कितना अजीब होता है,कभी पता ही नहीं चलता तो ,कभी काटे ही नहीं कटता,एक उम्मीद कुछ अच्छा होने का ,एक डर कुछ न कुछ खोने का,कभी यूं ही…