सत्य पथिक वेबपोर्टल/लखनऊ/politics: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को करारा झटका लगा है। सदन की कुल सदस्य संख्या से 10 फीसदी से भी कम सदस्य जाने पर पार्टी से नेता प्रतिपक्ष का दर्जा छीन लिया गया है।

100 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 10% से अधिक सदस्य होने पर ही मुख्य विपक्षी दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता मिलती है। लेकिन मौजूदा विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सिर्फ नौ सदस्य ही रह गए हैं।
बता दें कि 6 जुलाई को उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया है। इनमें से छह समाजवादी पार्टी के थे जबकि बसपा के तीन, भाजपा के दो और कांग्रेस के इकलौते सदस्य का भी कार्यकाल खत्म हो गया था।