सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली/Film maker Leena Manimekalai’s controversial lifestyle: कनाडा में भारतीय मूल की फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की नई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर इन दिनों खूब बवाल मचा हुआ है। हालांकि लीना पहले भी
अपनी ऐसी ही अन्य डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की वजह से विवादों में रही हैं।
मामा से शादी के विरोध में घर से भाग गई थीं
विद्रोही स्वभाव की लीना मणिमेकलई बचपन से ही निजी जिंदगी में संघर्षों और विवादों में घिरी रही हैं। मदुरै के दक्षिण में दूरदराज के गांव महाराजापुरम की रहने वाली लीना के पिता कॉलेज लेक्चरर थे। गांव की प्रथा के मुताबिक प्यूबर्टी (मासिक धर्म की शुरुआत) के कुछ साल बाद लीना की शादी उनके मामा से तय कर दी गई। भनक लगने पर लीना चेन्नई भाग गईं। वहां उन्होंने तमिल मैगजीन विकटन के ऑफिस में नौकरी के लिए गईं लेकिन ऑफिस वालों ने परिवार वालों को बुलवाकर संपर्क किया और वापस लीना को उन्हीं को सौंप दिया। बाद में किसी तरह लीना ने अपनी फेमिली को मामा से शादी नहीं करवाने और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मनाया।
उम्रदराज डायरेक्टर से रिश्ते को लेकर भी विवादों में रहीं
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के आखिरी साल में पिता चल बसे। पिता के गुजरने के बाद लीना तमिल डायरेक्टर P Bharathiraja पर लिखी उनकी डॉक्टोरल थीसीस को पब्लिश करवाने वापस चेन्नई गईं और डायरेक्टर P Bharathiraja से मिलीं तो पहली ही नजर में ही लीना को उनसे प्यार हो गया। डायरेक्टर के साथ लीना के रिलेशन की खबरें फैलीं तो मां ने खाना-पीना बंद कर दिया और बेटी से घर लौटने को कहा। मां की बिगड़ती सेहत को देखते हुए लीना ने सिनेमा और P Bharathiraja को त्याग दिया और घर लौट गईं।

आईटी सेक्टर से लेकर फ्रीलांसर बनने तक
कुछ साल तक बेंगलुरू में आईटी सेक्टर में नौकरी की। वहां लीना की मुलाकात टेलीफिल्म मेकर C Jerrold से हुई। जेराॅल्ड के ऑफर पर लीना ने जॉब छोड़ दी लेकिन पर Jerrold के साथ भी काम नहीं कर पाईं। कई नौकरियां बदलीं और अंत में फ्रीलांसर डाॅक्यूमेंट्री फिल्ममेकर बनने का फैसला किया। लीना शोषण के शिकार लोगों की आवाज बनकर सामाजिक मुद्दों को उठाना और बदलाव के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप करना चाहती थीं। वर्ष 2002 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘Mathamma’ पर काम करना शुरू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जीतीं कई फेलोशिप्स
लीना ने फ्रीलांस डाक्यूमेंटरी फिल्म मेकिंग से खूब रुपये कमाए और उन्हें अपनी फिल्मों पर लगाया। कई फेलोशिप्स जीतीं। कई अंतराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर उनकी फिल्मों का प्रीमियर भी हुआ। अपने प्रोजेक्ट्स पर पैसे लगाने की वजह से एक समय ऐसा भी आया जब लीना के पास मकान का किराया देने तक के भी रुपये नहीं बचे थे।
ये फिल्में भी रही हैं विवादों में
साल 2002 में लीना ने देवदासी प्रथा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म Mathamma’.बनाई थी। इसमें उन्होंने नाबालिग लड़कियों को 10-20 रुपये में मंदिर में समर्पित किए जाने और पुजारी-पंडितों द्वारा उनके शोषण को उजागर किया था। अरुंधतियार समुदाय समेत अपने परिवार का भी विरोध झेलने के बाद भी लीना डरी नहीं। साल 2004 में दलित महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘Parai’ पर भी लीना को काफी आक्रोश झेलना पड़ा। 2011 में लीना ने धनुषकोढ़ी के मछुआरों पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘Sengadal’ बनाई। सेंसर बोर्ड से महीनों की लड़ाई के बाद फिल्म रिलीज हुई और इसे कई अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में सराहा भी गया।
अब फिर विवादों में
इतने विवादों के बाद लीना एक बार फिर अपनी डाक्यूमेंटरी फिल्म ‘काली’ के 2 जुलाई को रिलीज किए गए उस पोस्टर की वजह से विवादों में हैं जिसमें मां काली को सिगरेट पीते और एक हाथ में समलैंगिकों के संगठन का झंडा और दूसरे हाथ में त्रिशूल थामे दिखाया गया है। देश-विदेश में करोड़ों लोग धार्मिक भावनाएं आहत किए जाने पर बेतरह भड़के हुए हैं और सोशल मीडिया पर कमेंट्स कर रहे हैं। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने भी आपत्तिजनक सामग्री फौरन हटाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कराने की कनाडा सरकार से गुजारिश की है।