सत्य पथिक वेबपोर्टल/बरेली/High court’s hard Comment: बरेली में आठ हजार करोड़ रुपये कीमत के तालाबों को पाटकर बनाई गई इंटरनेशनल सिटी अब कॉम्पिटेंट बिल्डरों के गले की फांस बनती जा रही है। बरेली विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने भी मान लिया है कि इस इंटरनेशनल सिटी को गलत तरीके से डेवलप किया गया है। माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह मामला तो नोएडा के ट्विन टावर से भी बड़ा है।

बता दें कि बरेली के फरीदपुर रोड स्थित इंटरनेशनल सिटी को कॉम्पिटेंट बिल्डर्स की ओर से डेवलप किया गया था। लगभग पांच-छह सौ एकड़ के दायरे में फैली इस कॉलोनी में कुछ सीनियर पीसीएस अफसर एवं राजनेताओं के भी मकान हैं। इंटरनेशनल सिटी उस वक्त विवादों में आ गई जब जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय ने इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की थी। इसके बावजूद जब प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अब मामला माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट में है और माननीय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल इसकी सुनवाई कर रहे हैं। इस मामले में उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारियों को जवाब दाखिल करने को कहा था। वादी महेश पांडेय ने बताया कि विगत 29 अगस्त को दोपहर ढाई बजे जिला प्रशासन की ओर से माननीय हाईकोर्ट में दाखिल किए गए अपने जवाब में कहा गया कि इंटरनेशनल सिटी के निर्माण में यूपी जेड ए एंड एलआर एक्ट की धारा 154 का उल्लंघन किया गया है और प्रश्नगत भूमि कृषि सीलिंग एक्ट से प्रभावित है।
वहीं, बरेली विकास प्राधिकरण की ओर से दाखिल किए गए जवाब में कहा गया है कि इंटरनेशनल सिटी अवैध है जिसे बीडीए द्वारा सील किया जा चुका है और निर्माण कार्य भी रुकवा दिया गया है। तीस अगस्त को महेश पांडेय ने जिला प्रशासन के जवाब के संबंध में रीज्वाइंडर लगा दिया है। इसमें कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारी आज भी भूमाफियाओं को बचा रहे हैं।


याचिकाकर्ता महेश पांडेय ने बताया कि इसे गंभीरता से लेते हुए माननीय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि तालाब चाहे किसी की बाउंड्री वॉल के अंदर ही क्यों न हों, उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मामला तो नोएडा के ट्विन टावर केस से भी ज्यादा गंभीर प्रतीत होता है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय में अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर 2022 को होगी।
बता दें कि महेश पांडेय वर्सेज कॉम्पिटेंट बिल्डर्स के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी या सीबीआई जांच की भी संभावना जताई जा रही है। कॉम्पिटेंट बिल्डर्स के मालिकानों में विपिन अग्रवाल, परेश अग्रवाल, राजू खंडेलवाल, राजेश गुप्ता, रामअसारे शर्मा आदि शामिल हैं।