सत्य पथिक वेबपोर्टल/लखनऊ/Sugarcane pending Payment: योगी सरकार के लगातार प्रयासों के चलते प्रदेश की चीनी मिलों ने भले ही किसानों को 74.17 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है, लेकिन अभी भी मिलों पर किसानों की बड़ी धनराशि बकाया है।

बड़े बकाएदारों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा बुलंदशहर की चीनी मिलें हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने 24 अगस्त 2022 तक 4042 करोड़ 87 लाख 29 हजार रुपये के बकाया गन्ना मूल्य का किसानों को भुगतान कर दिया है। यह कुल बकया गन्ना मूल्य का 74.17 प्रतिशत है। हालांकि मिलों पर किसानों का 1407 करोड़ 69 लाख रुपये से अधिक यानी 25.83% गन्ना मूल्य अब भी बकाया है।
सरकार इस वर्ष खरीदेगी 70 लाख टन धान
प्रदेश में वर्ष 2021-22 की भांति 2022-23 में भी 70 लाख टन धान खरीदने का प्रस्ताव है। धान खरीद के लिए प्रदेश में 4000 क्रय केंद्र स्थापित किये जाएंगे। खाद्य एवं रसद विभाग पश्चिमी हिस्से में पहली अक्टूबर और पूर्वी भाग में एक नवंबर से होने वाली धान खरीद की तैयारियों में जुट गया है। विभाग की ओर से इस संबंध में शासन को भेजे गए प्रस्ताव में धान खरीदने के लिए छह एजेंसियां प्रस्तावित की गई हैं।

इनमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा, उप्र सहकारी संघ (पीसीएफ), उप्र कोआपरेटिव यूनियन (पीसीयू), उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस), उप्र राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद और भारतीय खाद्य निगम शामिल हैं। इसके अलावा कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) और कृषक उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के माध्यम से भी धान खरीदने का इरादा है। इसके साथ वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए एमएसपी 2040 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल घोषित किया गया है। पिछले वर्ष प्रदेश में 70 लाख टन खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष 65.63 लाख टन धान खरीद हुई थी।