रिश्वत में 100 रुपये नहीं दिए तो रोजगार सेवक ने हाथ से छीन लिया जन्म प्रमाणपत्र, ग्राम विकास अधिकारी भी कह रहे-रुपये तो देने ही पड़ेंगे
मीरगंज, बरेली, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के दावे पर दावे ठोंक रही है; वहीं बरेेेली जिले के मीरगंज विकास खंड कार्यालय में भ्रष्टाचार का गंदा खेल लंबे अरसे से खुलेआम-बदस्तूर चल रहा है। आए दिन रिश्वत मांगने के वीडियो भी वायरल होते रहते हैं। ताजा वीडियो में एक रोजगार सेवक और ग्राम विकास अधिकारी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के एवज में न सिर्फ 100 रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं, बल्कि रुपये नहीं देने पर महिला के हाथ से प्रमाणपत्र भी छीन लेते हैं। तुर्रा यह कि कहीं भी शिकायत कर दो, कोई हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा, जैसे फिल्मी डायलॉग भी बड़ी बेशर्मी से बोलते हुए वीडियो में कैद भी हो गए हैं।

मीरगंज ब्लॉक में दलालों के हौसले बेहद बुलंद हैं। इन्हें अफसरों से शिकायत या विभागीय कार्यवाही का रत्ती भर भी डर नहीं है। वायरल हुआ ताजा वीडियो भी यही संदेश दे रहा है। दरअसल, मामला ग्राम दियोसास विकास खंड मीरगंज बरेली की एक महिला द्वारा अपने बेटे का ब्लॉक दफ्तर से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का है। दियोसास की उर्मिला देवी पत्नी श्री ज्ञान प्रकाश ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।
उर्मिला का आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ग्राम विकास अधिकारी लवश्रेष्ठ को 12 दिन पहले सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए आवेदनपत्र दिया था। 08/02/2021 को जब वह जन्म प्रमाणपत्र लेने गईं तो ग्राम विकास अधिकारी लवश्रेष्ठ ने राजीव गंगवार रोजगार सेवक से बात करने को कहा। राजीव गंगवार नें प्रार्थिनी से रिसीविंग पर हस्ताक्षर कराये, प्रमाण पत्रदिया और 100 रुपये देने को कहा। प्रार्थिनी ने 100रुपये मांगने का कारण पूछा तो राजीव ने तुरंत पहले तो प्रमाणपत्र छीन लिया और बगैर रुपये लिए प्रमाणपत्र नहीं देने की बात कही।
इसके बाद प्रार्थिनी उर्मिला ने ग्राम विकास अधिकारी लवश्रेष्ठ से सम्पर्क किया तो उन्होंने भी राजीव से ही बात करने को कह दिया। यह भी कहा कि अगर वो रुपये माँग रहा है तो देने ही पड़ंगे। इसके बाद राजीव ने भी दोहराया कि आपको 100रुपये तो देने ही पड़ेंगे, साहब ने कहा है। वरना प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। आप चाहे किसी भी अधिकारी के पास चले जाओ। मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।
प्रार्थिनी जब मंगलवार को जन्म प्रमाणपत्र लेने दुबारा गई तो ग्राम विकास अधिकारी ने कहा कि पहले पूरे कागज लेकर आओ। इस पर प्रार्थिनी उर्मिला ने दलील दी कि जब कागज ही अधूरे थे तो कल जन्म प्रमाणपत्र बन कैसे गया था? ग्राम विकास अधिकारी कागज पूरे कराने की बात कहते हुए अपने कार्यालय से चले गये। जबकि प्रमाणपत्र 08 फरवरी 2021 को ही तैयार किया जा चुका है।