मस्क ने ट्विटर पर लगाए गंभीर आरोप, कहा-सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर दुनिया के तीसरे बड़े बाजार को खतरे में डाला, कोर्ट के पाले में है गेंद
सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली/Twitter v/s Elon Musk:Twitter और Elon Musk की कानूनी लड़ाई में अब भारत सरकार का नाम भी आ गया है। एलॉन मस्क के आरोपों पर ट्विटर ने Delaware Chancery कोर्ट में अपना रिस्पॉन्स फाइल किया है।

मामला ट्विटर और एलॉन मस्क की 44 अरब डॉलर की प्रस्तावित डील का है। मस्क द्वारा डील कैंसल कर दिए जाने के बाद ट्विटर ने कोर्ट की शरण ली है। दरअसल, एलॉन मस्क ने इस मामले में कहा है कि ट्विटर को खरीदने के लिए उनकी ‘आंखों में धूल झोंकी’ जा रही थी। उन्होंने बताया कि ट्विटर भारत सरकार के साथ चल रहे केस और जांच के बारे में बताने में विफल रहा। ट्विटर ने अपने तीसरे सबसे बड़े भारत के बाजार को रिस्क में डाला है। कंपनी ने भारत सरकार के आदेशों का उल्लंघन किया है। मस्क ने अपने रिस्पॉन्स में कहा कि भारत के IT मंत्रालय ने 2021 में कुछ नियम बनाए थे।
इन नियमों के जरिए भारत सरकार किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट की जांच और पहचान से जुड़ी जानकारी मांग सकती है। ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ केस भी कर सकती है। सरकार के नए नियमों की वजह से ट्विटर को हाल-फिलहाल में कई जांचों का भी सामना करना पड़ा है। मस्क की दलील है कि ऐसी किसी जांच में फंसने पर ट्विटर की गतिविधियां भारत में सस्पेंड हो सकती है, या इसकी सर्विस बाधित हो सकती है। मस्क ने कहा कि 6 जुलाई 2022 को ट्विटर ने भारत सरकार के खिलाफ वहां के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नए नियमों को चुनौती दी है। यानी ट्विटर मस्क से मर्जर एग्रीमेंट साइन करते वक्त जांच के दायरे में थी।
इस डील से पीछे क्यों हट गए मस्क?
एलॉन मस्क ने कुछ समय पहले ही इस डील से पीछे हटने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाए और कहा कि कंपनी प्लेटफॉर्म पर बॉट अकाउंट्स की संख्या कितनी है, यह नहीं बता रही है। ट्विटर ने जितने बॉट अकाउंट्स डिक्लेयर किए हैं, प्लेटफॉर्म पर इससे कहीं ज्यादा बॉट अकाउंट्स हैं।
ट्विटर इस डील को बचाने के लिए मस्क के खिलाफ कोर्ट भी जा चुका है। अब दोनों पक्ष कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस डील में शर्त यह भी है कि डील से पीछे हटने पर उस पार्टी को 1 बिलियन डॉलर की पेनाल्टी भरनी होगी। अब मामला कोर्ट में है। देखना होगा कि कोर्ट कब और क्या फैसला सुनाएगा?