हाईकोर्ट के बाद ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, अब यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स में कर सकता है अपील
सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली-लंदन/Neerav Modi: भगोड़े नीरव मोदी ने ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील का आखिरी मौका भी गंवा दिया है. उसके पास अब ब्रिटेन में कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। हालांकि माना जा रहा है कि नीरव मोदी अभी भी प्रत्यर्पण से बचने को कुछ दूसरे कानूनी रास्ते अपनाने की फिराक में है।

ब्रिटेन की अदालतों में भारत सरकार की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ रही क्राउन प्रासीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने पिछले हफ्ते ही 51 वर्षीय नीरव मोदी की अपील के खिलाफ अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था। ऐसे में नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ जरूर हुआ है, लेकिन प्रत्यर्पण की राह में अभी भी कई अड़चनें हैं जिनसे पार पाना जरूरी है। माना जा रहा है कि नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ European Court Of Human Rights में अपील कर सकता है।

हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज की याचिका
ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि सुसाइड की प्रवृत्तियां दिखना प्रत्यर्पण से बचने का आधार नहीं बन सकता है। हालांकि नीरव ने अपने बचे कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी लेकिन वहां से भी उसे निराशा हाथ लगी।
13 हजार करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का गुनाहगार है
बता दें कि 13,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की बैंक धोखाधड़ी को हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों और पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी ऋणपत्रों के जरिए अंजाम दिया था।