नई दिल्ली/dinner diplomacy/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: पूर्व केंद्रीय मंत्री-कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कथित असंतुष्ट गुट G-23 के प्रमुख चेहरे कपिल सिब्बल ने dinner diplomacy के मार्फत जहां मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की बड़ी कवायद की, वहीं असंतुष्ट गुट के बढ़ते रसूख से कांग्रेस आला कमान को चौंकाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
हालांकि, पिछले दिनों पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी तमाम विपक्षी नेताओं को ब्रेकफास्ट पर बुलाकर विपक्ष को गोलबंद करने की ऐसी ही कोशिश कर चुके हैं। इस डिनर पार्टी का सियासत से ताल्लुक नहीं होने के दावों के बीच सिब्बल के बुलावे पर कुल 17 विपक्षी दलों के 45 नेता शामिल हुए।
सिब्बल के तीन मूर्ति मार्ग स्थित आवास पर आयोजित इस रात्रिभोज में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके के तिरुचि शिवा, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शामिल हुए। कांग्रेस से मनीष तिवारी, शशि थरूर और आनंद शर्मा शामिल हुए।
सिब्बल के 73वें जन्म दिन के अगले दिन दी गई इस डिनर पार्टी में पहुंचने वाले दीगर तमाम खास मेहमानों में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, संदीप दीक्षित, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, सुभाष चोपड़ा व अरविंदर सिंह लवली, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी के मनोज झा, वाईएसआर कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी, शिवसेना के संजय राउत, आप के संजय सिंह, बीजेडी के पिनाकी मिश्र, टीडीपी के जयदेव गाला, अकाली दल के नरेश गुजराल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला शामिल थे।
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि विपक्षी दलों खासकर एनसीपी, आरजेडी, सपा के नेताओं ने सरकार के खिलाफ एकजुटता के लिए हरसंभव मदद का भरोसा तो दिलाया लेकिन शिकायत करना भी नहीं भूले कि कई मुद्दों पर वह साथ आना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें साथ लेने की कोशिश ही नहीं करती। अकाली दल का कहना था कि पंजाब के अलावा भी कई और मुद्दों पर वह सरकार पर सवाल उठाना चाहती है।
भले ही कपिल सिब्बल की इस डिनर पार्टी का खुला मकसद मोदी सरकार के खिलाफ तमाम दलों को गोलबंद करना था, लेकिन छुपा मकसद कांग्रेस हाईकमान को अपनी ताकत का अहसास कराना भी बताया जा रहा है। जिस तरह से सिब्बल के घर पवार, लालू यादव, अखिलेश जैसे नेता पहुंचे, वो कहीं न कहीं जी-23 के सियासी रसूख की ओर इशारा करते हैं।
इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी हाईकमान को चिठ्ठी लिखकर उसकी कार्यशैली को लेकर बड़े सवाल उठाए थे। इस चिट्ठी को मीडिया में लीक भी कर दिए जाने से हाईकमान ने तल्ख तेवर भी दिखाए थे।
जी-23 के इस असंतुष्ट गुट में सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण व लवली जैसे नेता शामिल थे। आप, बीजेडी, अकाली दल, बीजेपी, टीआरएस व वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों को डिनर में बुलाकर जी-23 ने राहुल गांधी और हाईकमान को अपने बढ़ते रसूख की बाबत बड़ा इशारा देने की कोशिश जरूर की है।