Goa Liberation Day : ‘ऑपरेशन विजय’ से आप भली-भांति परिचित होंगे। बात 19 दिसंबर, 1961 की है जब भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन के तहत पुर्तगालियों को गोवा से जाने पर मजबूर कर दिया था। इसी ऐतिहासिक घटना के सम्मान में हर साल गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है।

वैसे गोवा अपना स्थापना दिवस 30 मई को मनाता है क्योंकि इसी दिन 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था।

गोवा को गोपकपुरी और गोपकपट्टन कहा गया


दक्षिण कोंकण क्षेत्र का उल्लेख गोवाराष्ट्र के रूप में पाया जाता है। संस्कृत के कुछ कई पुराने स्रोतों में गोवा को गोपकपुरी और गोपकपट्टन कहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता। गोवा को बाद में कहीं-कहीं गोअंचल भी कहा गया है। अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन और गोमंत प्रमुख हैं। टोलेमी ने गोवा का उल्लेख वर्ष 200 के आस-पास गोउबा के रूप में किया है। जिस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोवा रखा वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोआ-वेल्हा है।

पुर्तगालियों का कब्जा

मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ। गोवा बिना किसी संघर्ष के पुर्तगालियों के कब्जे में आ गया। पुर्तगालियों को गोवा से दूर रखने के लिए यूसूफ आदिल खां ने हमला किया। शुरू में उन्होंने पुर्तगाली सेना को रोक तो दिया लेकिन बाद में अल्बुकर्क ज्यादा बड़ी सेना के साथ लौटे और एक दुःसाहसी प्रतिरोध पर विजय प्राप्त कर उन्होंने शहर पर फिर से कब्जा कर लिया और एक हिन्दू तिमोजा को गोवा का प्रशासक नियुक्त किया। गोवा पूर्व दिशा में समूचे पुर्तगाली साम्राज्य की राजधानी बन गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!