क्या स्वतंत्र मीडिया का मतलब केवल मोदी-BJP विरोध है?
मार्कंडेय काटजू अधिकांश मीडिया तो बिकाऊ, बेशर्म, चाटुकार, गोदी मीडिया हो गई है। उसकी तो बात करना ही फ़िज़ूल है। लेकिन उस मीडिया के बारे में क्या कहा जाए जो…
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मार्कंडेय काटजू अधिकांश मीडिया तो बिकाऊ, बेशर्म, चाटुकार, गोदी मीडिया हो गई है। उसकी तो बात करना ही फ़िज़ूल है। लेकिन उस मीडिया के बारे में क्या कहा जाए जो…