मथुरा विश्वविद्यालय से अटैच होंगे प्रदेश के पांचों पशु चिकित्सा-पशुपालन महाविद्यालय, स्टूडेंट्स, स्टाफ को होगी सहूलियत, कार्यक्षमता Efficiency भी बढ़ेगी
Satyapathik Web news Portal पर Exclusive Interview में बोले IVRI सदस्य और मीरगंज, बरेली विधायक डॉ. डी.सी. वर्मा
गणेश ‘पथिक’

यह दावा है मीरगंज-बरेली के भाजपा विधायक और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य डॉ. डीसी वर्मा का। एमवीएससी एंड एएच डिग्रीधारक वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. वर्मा बताते हैं कि पिछले दिनों लखनऊ में आयोजित आईवीआरआई मैनेजमेंट बोर्ड की पहली ही बैठक में उनके द्वारा प्रमुखता से उठाए गए इन दोनों प्रस्तावों के शीघ्र क्रियान्वयन को हरी झंडी भी दे दी गई है। अब 18 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और पशुपालन मंत्री से भी व्यक्तिगत रूप से मिलकर मंजूरी दिलवाएंगे।
विधायक डॉ. वर्मा साफ करते हैं कि अभी पांचों पशु चिकित्सा महाविद्यालय अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध होने की वजह से बीवीएससी एंड एएच में दाखिले के लिए प्रवेशार्थियों को अलग-अलग प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है जिसमें समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। हमारा प्रस्ताव है कि मथुरा, वाराणसी, फैजाबाद, मेरठ और आईवीआरआई बरेली से संबद्ध पांचों पशु चिकित्सा-पशुपालन महाविद्यालयों को गुजरात, महाराष्ट्र की तर्ज पर एक ही विश्वविद्यालय मथुरा से संबद्ध कर दिया जाए। इससे गरीब परिवारों के हजारों मेधावी स्टूडेंट्स को सहूलियत होने के साथ ही पांचों विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों और अन्य कर्मियों की एक ही आदेश पर नियुक्ति, स्थानांतरण और उनकी अन्य लंबित समस्याओं के त्वरित निस्तारण का रास्ता भी साफ हो सकेगा। साथ ही इन पांचों महाविद्यालयों की कार्यकुशलता Efficiency में भी वृद्धि हो सकेगी।
डा. वर्मा ने बताया कि हमारी कोशिश गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान की तरह यूपी में भी बीवीएससी एंड एएच डिग्री के अलावा दो वर्षीय पॉलीटेकनीक पशु चिकित्सा-पशुपालन डिप्लोमा Two year Polytechnic veterinary & Animal Husbandry Diploma शुरू कराने पर भी है ताकि गरीब होनहार बेरोजगारों को रोजगार के बेहतर मौके मिल सकें और पशुपालन, डेयरी उद्योग को बढ़ावा देकर किसानों के आर्थिक स्तर को उठाया जा सके।