आप हमलावर, भाजपा नेताओं ने भी मोर्चा खोला, आरएसएस और विहिप भी खफा
सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली/Rohingyas to be settled in Delhi: केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने के ऐलान से भारतीय राजनीति में भूचाल सा आ गया है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) तो मोदी सरकार पर हमलावर है ही; विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस ने भी मोर्चा खोल दिया है। तमाम भाजपा नेता भी अंदरखाने केंद्र सरकार के इस फैसले से नाराज़ बताए जा रहे हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा। हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया। आम आदमी पार्टी तो हमलावर हुई ही, बीजेपी के कुछ नेताओं और विश्व हिंदू परिषद ने भी केंद्र में सत्तारूढ़ अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आरएसएस की ओर से भी बयान जारी कर इस फैसले पर नाराजगी जताई गई है।

इस पूरे विवाद की शुरुआत केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट से हुई। हरदीप पुरी ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएगी। हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट के बाद राजनीति में बवाल मच गया है।





देश की सुरक्षा से खिलवाड़ की भाजपा की साजिश हुई बेनकाब: आप
आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, देश में रोहिंग्याओ को लाने वाली, उन्हें वापस भेजने के झूठे दावे कर अपनी पीठ थपथपाने वाली और अब उन्हें दिल्ली में बसाने का ऐलान करने वाली भी भाजपा ही है। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि हरदीप पुरी की इस घोषणा से देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के भाजपा के बहुत बड़े षड्यन्त्र का पर्दाफाश हो गया है। आखिरकार भाजपा ने आधिकारिक रूप से कबूल कर लिया है कि दिल्ली में हजारों रोहिंग्याओं को उसने ही बसाया है। अब उनको पक्के घर और दुकानें देने की तैयारी है। दिल्ली वाले ये कतई नहीं होने देंगे।
रोहिंग्या, बांग्लादेशी शरणार्थी नहीं, घुसपैठिए, बसाइए मत, खदेड़िए: भाजपा
उधर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी हरदीप पुरी के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट किया, “रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थी नहीं, घुसपैठिये हैं। ड्रग्स, मानव तस्करी, जिहाद जैसे काले धंधे इन्हीं की बस्तियों से चलाए जाते हैं। इनको हिरासत में लेना और फिर देश से बाहर डिपोर्ट करना-यही एकमात्र समाधान है। उन्होंने शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से अपील की कि रोहिंग्याओं से पहले कश्मीरी पंडितों और अफगानिस्तान से आए हिंदू सिखों को फ्लैट और सुरक्षा दिलवा दीजिए। पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को सालों से बिना बिजली की अंधेरी झुग्गियों में रहना पड़ रहा है। इस अद्भुत शरणार्थी नीति का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाया है।”
वीएचपी ने भी उठाए सवाल
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हरदीप पुरी का रोहिंग्याओं को फ्लैट देकर बसाने वाला बयान देखकर हैरान हैं। हम हरदीप पुरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 10 दिसंबर 2020 का बयान याद दिलाना चाहते हैं कि भारत में रोहिंग्याओं को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। आलोक कुमार ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं, घुसपैठिये हैं। भारत सरकार का सुप्रीम कोर्ट में भी यही रुख रहा है। हम भारत सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और रोहिंग्याओं को आवास प्रदान करने के बजाय, उन्हें भारत से बाहर वापस भेजने की व्यवस्था करने की पुरजोर अपील करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी नाराज
आरएसएस सूत्रों के मुताबिक, संघ भी इस फैसले से खुश नहीं है। संघ के सूत्रों ने कहा कि यह फैसला CAA के खिलाफ जाएगा। साथ ही असम में जो रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं, उनका क्या होगा? उधर, सरकारी सूत्रों ने भी अब सफाई दी है कि रोहिंग्याओं को बसाने का कोई कदम नहीं उठाया गया है। आधिकारिक स्पष्टीकरण आने का इंतजार किया जाना चाहिए।