एक तरफ जहां देशभर में कोरोना के मामले दोबारा से बढ़ रहे हैं, राजस्थान समेत कई राज्यों में 30 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है वहीं उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में पहली से लेकर 8वीं तक के स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है।

इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूलों को खोलने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य और गृह विभाग से राय मांगी है।केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने भी कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को संचालित करने के लिए कक्षावार गाइडलाइंस तैयार कर ली हैं। इसलिए प्रस्तावित गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने के बारे में परामर्श मांगा गया है।
लॉकडाउन लागू होने के बाद से कक्षा एक से आठ तक के स्कूल बंद हैं। प्रदेश में 1.35 लाख परिषदीय स्कूल हैं। इनके अलावा 91 हजार निजी स्कूल हैं। मिशन प्रेरणा से जुड़े विभिन्न कार्यों, बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण और फरवरी में हुए स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट के रिपोर्ट कार्ड वितरण आदि कार्यों के लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक तो जुलाई से ही स्कूलों में बुलाये जा रहे हैं लेकिन इनमें बच्चों की पढ़ाई बंद है। निजी स्कूलों में भी पहली से आठवीं तक की कक्षाएं नहीं संचालित हैं।
19 अक्टूबर से माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। शासन ने 23 नवंबर से विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। इनमें कम उम्र के अबोध बच्चे आते हैं जो कोरोना संक्रमण को लेकर अपेक्षाकृत कम जागरूक हैं। छोटे बच्चे शारीरिक दूरी के पालन को लेकर भी सतर्क नहीं होते। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है।
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