बरेली/आस्था/सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क:

Saraswati Puja Vidhi: वसंत पंचमी या श्री पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानि आज 16 फरवरी को है। मान्यता है कि मां सरस्वती का अवतरण आज के ही दिन हुआ था। इसीलिए वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्त्व है। मां सरस्वती की कृपा होने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत का वरदान प्राप्त होता है। आइए, जानते हैं कि किस विधि से सरस्वती पूजा करनी चाहिए?


सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त


सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

वसंत पंचमी को आप सुबह 06:59 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक सरस्वती पूजा कर सकते हैं। इस दिन आपको पूजा के लिए कुल 05 घंटे 37 मिनट का समय प्राप्त होगा।



सरस्वती पूजा की विधि

वसंत पंचमी यानी मंगलवार को स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजास्थल की सफाई कर लें। इसके बाद मां सरस्वती की फोटो या मूर्ति स्थापित कर दें। अब सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी की आराधना करें और नौ ग्रहों की पूजा कर लें। इसके उपरान्त मां शारदा की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं और पीले पुष्प, अक्षत्, दीप, धूप, पीला गुलाल, गंध आदि अर्पित करें। पीले या सफेद फूलों की माला पहनाएं। पीले रंग के फल अर्पित करें। श्रृंगार सामग्री भी चढ़ा सकते हैं। सफेद वस्त्र चढ़ाएं। खीर, मालपुआ या सफेद मिठाई अर्पित करें। अब सरस्वती वंदना करें। उनके मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

गणपति, नवग्रह शांति के लिए हवन भी करें


पूजा के बाद गणपति और नौ ग्रहों के लिए हवन करें। फिर ‘ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वाहा” मंत्र का उच्चारण करते हुए 108 बार माता सरस्वती को ध्यान करके हवन करें। हवन की समाप्ति के बाद माता सरस्वती की आरती करें। उनसे अपने करियर में तरक्की, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए निवेदन करें।

सरस्वती पूजा में ध्यान रखने वाली बातें

  1. जब भी पूजा करें तो पीले या सफेद रंग के वस्त्र ही पहनें।
  2. विद्यार्थी हैं तो कॉपी-किताब, लेखनी की पूजा भी करें।
  3. संगीत क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो मां शारदा के साथ अपने वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें।

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