सत्य पथिक वेबपोर्टल/लखनऊ/Poor Performance of UP Electric Companies in National Rating: यूपी का डिस्कॉम प्रबंधन प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को आगे बढ़ाने और उनकी परफार्मेंस सुधारने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ताजा रेटिंग में देश की जिन 20 विद्युत वितरण कंपनियों को सबसे खराब ग्रेडिंग मिली है, उनमें पांच में से चार कंपनियां यूपी की ही हैं।

बता दें कि देश की जिस बिजली कंपनी को 85 से 100 नंबर मिलते हैैं, उसे ए प्लस ग्रेड मिलता है। 65 से 85 नंबर वाली क॔पनी को ए ग्रेड दिया जाता है। 50 से 65 नंबर पाने वाली क॔पनी को बी और 35 से 50 नंबर हासिल करने वाली कंपनी को बी माइनस ग्रेड में रखा जाता है। 15 से 35 नंबर पाने वाली कंपनियां सी ग्रेड और 0 से 15 नंबर पाने वाली बिजली वितरण कंपनियां सबसे फिसड्डी यानी सी माइनस ग्रेड में रखी जाती हैं।
रेटिंग में गुजरात और हरियाण की कंपनियां शीर्ष पर
विद्युत मंत्रालय और विद्युत वित्त निगम (पीएफसी) की ओर से जारी 52 बिजली कंपनियों की रेटिंग में गुजरात, दादरा और नगर हवेली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र की बिजली कंपनियां रेटिंग में शीर्ष पर हैं। वहीं प्रदेश की सरकारी कंपनी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम मेरठ सी ग्रेड के साथ 29वें पायदान पर है। पिछले साल यह बी प्लस ग्रेड के साथ 18वें पायदान पर थी।
यूपी की विद्युत वितरण क॔पनियों की परफार्मेंस में भारी गिरावट
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ताजा नेशनल ग्रेडिंग में यूपी की सभी पांचों बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति बेहद ही चिंताजनक है। दक्षिणांचल वितरण निगम, केस्को, मध्यांचल वितरण निगम और पूर्वांचल वितरण निगम सी माइनस ग्रेड के साथ क्रमश: 35वें, 36वें, 42वें और 44वें पायदान पर हैं। पिछली बार केस्को व मध्यांचल वितरण निगम बी ग्रेड के साथ क्रमश: 22वें व 24वें और पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम सी प्लस ग्रेड के साथ क्रमश: 27वें व 29वें पायदान पर थे। हालांकि निजी क्षेत्र की कंपनी एनपीसीएल ए प्लस ग्रेड के साथ रेटिंग में सातवें पायदान पर रही।
उप्र उपभोक्ता परिषद की मानें तो चिंता की बात यह है कि प्रदेश की सभी बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय और तकनीकी पैरामीटर्स में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यूपी की जो बिजली कंपनी जो पहले बी और बी प्लस ग्रेडिंग तक पहुंच गई थी, अब वह लुढ़ककर सबसे निचले पायदान पर पहुंच चुकी है।
बिजली कंपनियां ग्रेड प्वाइंट्स
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम सी 15 से 35
कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कम्पनी (केस्को) सी माइनस 0 से 15
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम सी माइनस 0 से 15
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम सी माइनस 0 से 15
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम सी माइनस 0 से 15
भारत सरकार द्वारा ग्रेडिंग के जो प्रमुख मानक निर्धारित किए गए हैं, उनमें वित्तीय पैरामीटर के अंतर्गत औसत विद्युत लागत और औसत बिलिंग रेट के लिये 100 में से 55 नंबर रखे गए हैं। इसी तरह बिजली खरीद, लाइन लॉस के लिए भी अलग-अलग नंबर रखे गए हैं। उप्र विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री वर्मा का कहना है कि डिस्कॉम प्रबंधन यूपी की कंपनियों को आगे बढ़ाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। देश की 20 कंपनियों को सर्वाधिक खराब ग्रेडिंग मिली है, उसमें 4 कंपनियां उप्र की हैं।
यूपी की सभी बिजली कंपनियां फिसड्डी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियां ताजा नेशनल ग्रेडिंग में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई हैं। चार बिजली कंपनियां मध्यांचल, केस्को, पूर्वांचल, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को सी माइनस ग्रेड मिला है। वहीं पश्चिमांचल कंपनी को सी ग्रेड मिला है।
ये रहे ग्रेडिंग के पैरामीटर्स
औसत विद्युत लागत
औसत बिलिंग रेट
बिजली खरीद
लाइन लॉस