
सत्य पथिक वेबपोर्टल/बरेली/Kavi Sammelan: कार्तिक पूर्णिमा प
र मंगलवार को रामगंगा नदी के चौबारी
घाट पर विशाल मेले में
ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन
के तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' ने की।

कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ समाजसेवी एवं कबीर पुरस्कार से सम्मानित जे. सी. पालीवाल ने अतिथि कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया और बताया कि वह लगभग 64 वर्षों से चौबारी मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का नियमित
रूप से आयोजन क
राते आ रहे हैं।

श्री पालीवाल द्वारा उपस्थित लोगों को गंगा को स्वच्छ रखने की शपथ भी दिलाई गई। इससे पूर्व सत्यवती सिंह ‘सत्या’ ने माँ शारदे की वंदना प्रस्तुत की।

गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने गंगा मइया के प्रति अपने श्रद्धासुमन कुछ इस प्रकार चढ़ाए-
पत्र मुख में पड़े हों तुलसी के जब,और जल तुम पिलाकर पुकारो हमें
गंगा मइया यहाँ अब तारो हमें, कष्ट सारे मिटाकर उबारो हमें।
रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने सुनाया
तन- मन को निर्मल कर देती गंगा की पावन धारा
हर एक प्रश्न के हल कर देती गंगा की पावन धारा।

असरार नसीमी ने भी यादगार ग़ज़ल और शेर पेश कर खूब वाहवाही बटोरी-
यह काम छोटा सही अजर में बड़ा है मगर
किसी के पाँव का काँटा निकालकर देखो।
शायर बिलाल राज ने अपनी ग़ज़ल कुछ इस तरह प्रस्तुत की-
हमारी राह में काँटे बिछाए थे जिसने
उसी को भेजा है फूलों का टोकड़ा हमने।
शायर बाकर अली जैदी ने अपनी पंक्तियाँ सुनाते हुए कहा-
एक होकर रहें देशवासी सभी। गंगा मैया तुझसे दुआ है मेरी।।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे मनोज दीक्षित टिंकू ने अपनी रचना के माध्यम से कहा-
जिंदगी से लड़खड़ाया और मैं संभला बहुत।
अंत में जाना यह जीवन मौत का ही दास है।।

कवि बृजेंद्र तिवारी ‘अकिंचन’ ने भी अपने काव्य पाठ से समां बाँध दिया।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में प्रशासनिक अधिकारियों के सान्निध्य में स्काउट कमिश्नर सुबोध अग्रवाल, मो. नबी, हिमांशु सक्सेना, अलका मिश्रा नूर एन, मेराज, हसीन सहित तमाम श्रोता उपस्थित रहे। आभार मोहम्मद नबी ने प्रकट किया।
